राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दायित्व दिल्ली सरकार का : केंद्र सरकार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 29, 2021

नयी दिल्ली। केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा कोविड-19 संकट को संभालने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है क्योंकि शहर में लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना अब भी उसके दायरे में है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटीडी) संशोधन अधिनियम, 2021 के मंगलवार को प्रभावी होने के बाद गृह मंत्रालय (एमएचए) की तरफ से यह स्पष्टीकरण आया है। मंत्रालय ने एक बयान में यह भी कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार अधिनियम में संशोधन से राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित सरकार के संवैधानिक व विधिक दायित्वों में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा बल्कि यह बेहतर शासन सुनिश्चित करेगा।

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बयान में कहा गया कि जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 में संशोधन किसी भी रूप में निर्वाचित सरकार के भारत के संविधान की राज्य और समवर्ती सूचियों में हस्तांतरित विषयों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा आदि सहित अन्य विषयों पर आवश्यक कार्यवाही करने के संवैधानिक व विधिक उत्तरदायित्वों में कोई बदलाव नहीं करता है। उसने कहा कि संशोधन निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के उत्तरदायित्वों को परिभाषित करेगा और विधायिका व कार्यपालिका के बीच “एक सौहार्दपूर्ण संबंध बनाएगा”। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटीडी) संशोधन अधिनियम, 2021 लोकसभा व राज्यसभा द्वारा क्रमश: 22 और 24 मार्च को पारित किये जाने तथा 28 मार्च को भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किये जाने के बाद मंगलवार से प्रभावी हो गया। अधिनियम की धारा 21, 24, 33 और 44 को संशोधित किया गया है।

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गृह मंत्रालय ने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य राजधानी की जरूरतों के मुताबिक इसे और प्रासंगिक बनाना तथा निर्वाचित सरकार तथा उपराज्यपाल के उत्तर दायित्वों को परिभाषित करना है। बयान में कहा गया, “संशोधन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बेहतर प्रशासन सुनिश्चित करेगा तथा दिल्ली के आम लोगों के लिये बनाई गई योजनाओं व कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन में उपयोगी होगा।” यह संशोधन मौजूदा कानूनी तथा संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक है और उच्चतम न्यायालय के चार जुलाई 2018 और 14 फरवरी 2019 के फैसलों के अनुरूप भी। नए कानून के मुताबिक दिल्ली में “सरकार” का मतलब “उपराज्यपाल” है तथा दिल्ली की निर्वाचित सरकार को कार्यकारी फैसले लेने के लिए उपराज्यपाल से राय लेनी होगी।

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