नई दिल्ली। चिकित्सा उपकरणों के अनुसंधान और विनिर्माण में लगी इकाइयों के एक संगठन ने सरकार से स्टेंट और घुटना प्रत्यारोपण में काम आने वाले चिकित्सकीय उपकरणों के दाम में एक बार के लिए 18 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की मांग की है। उनका कहना है कि महंगाई बढ़ने और रुपये की विनिमय दर में गिरावट को देखते हुए ऐसा करना जरूरी है। मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन आफ इंडिया (एमटाल) ने कहा है कि एक साल में रुपया अमेरिकी डालर की तुलना में 13.13 प्रतिशत और यूरो के मुकाबले 12.33 प्रतिशत हल्का हो चुका है। इस दौरान मुद्रास्फीति भी चार से पांच प्रतिशत रही है। सरकार ने इन उपकरणों की कीमतें 2017 में तय की थीं। संगठन का कहना है कि रुपये में गिरावट से बाहर से आयातित समान की लागत 14 प्रतिशत ऊंची पड़ रही है।