By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 14, 2025
भारत में खाना बनाने के लिए बेहद उपयोगी और समय की बचत करने वाले उपकरण के रूप में प्रेशर कुकर का इस्तेमाल किया जाता है। दाल-चावल बनाने और आलू उबालने के लिए खास तौर पर कुकर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कई बार सही तरीके से इस्तेमाल न करने पर यह खतरनाक भी साबित हो सकता है। अंजाने में की जाने वाली छोटी-छोटी गलतियां कई बार बड़े हादसों की वजह बन जाती हैं। जिसकी वजह से कुकर बम की तरह फट जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उन तीन मुख्य कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि हादसे की वजह बनती हैं। ऐसे में आप भी इनका ध्यान रखना शुरूकर दीजिए, जिससे कि किसी भी तरह का हादसा न हो।
वेंट पाइप वह जगह होता है, जहां पर कुकर में प्रेशर होने पर सीटी बजती है। जब कुकर की सही से सफाई नहीं की जाती है, या खाना बनाने के दौरान इसमें कुछ फंस जाता है, तो यह वेंट पाइप जाम हो जाता है। जब वेंट पाइप ब्लॉक हो जाता है कि कुकर के अंदर बनने वाली भाप बाहर नहीं निकल पाती है। ऐसी स्थिति में दबाव बढ़ने पर कुकर फट सकता है।
यह एक सुरक्षा उपकरण है। जब कुकर में दबाव ज्यादा हो जाता है और वेंट पाइप ब्लॉक रहता है। तब सेफ्टी वॉल्व फटकर एक्स्ट्रा भाप को बाहर निकाल देता है। यह कुकर को फटने से बचाता है। लेकिन इसको साल में एक बार जरूर बदलवाना चाहिए।
जब कुकर में क्षमता से ज्यादा खाना भर दिया जाता है, तो भाप निकलने के लिए जगह नहीं बचती है। खासतौर पर दाल या चावल जोकि पकने के बाद फैलती है। ऐसे में समस्या बढ़ जाती है। कुकर में अंदर ही भाप बनती है और बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिलने पर दबाव बढ़ता है। ऐसी स्थिति में कुकर के फटने का अधिक रिस्क होता है।
हमेशा ISI मार्क वाले कुकर को प्राथमिकता देनी चाहिए। क्योंकि यह सुरक्षा के मानकों का पालन करते हैं और अच्छी गुणवत्ता वाले होते हैं।
खाना पकाने से पहले कुकर के वेंट पाइप को अच्छे से साफ कर लेना चाहिए। आप चाहें तो तार डालकर भी देख सकते हैं कि अंदर कुछ फंसा तो नहीं है।
हर एक साल में सेफ्टी वॉल्व को बदलवा लेना चाहिए, फिर भले ही वह देखने में ठीक लग रहा हो। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी होता है।
कुकर में क्षमता से ज्यादा खाना नहीं भरना चाहिए। कुकर को उसकी दो-तिहाई क्षमता से अधिक भरना गलत माना जाता है।