By Ankit Jaiswal | Oct 07, 2025
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में फिर से दावा किया है कि उन्होंने दुनिया में चल रहे सात बड़े अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को खत्म कराने में भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो संघर्ष था, उसे रोकने में भी उनका ही योगदान रहा। हालांकि भारत ने पहले ही साफ किया था कि इस मामले में किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है, और भारत-पाक मुद्दा द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही सुलझाया जाएगा।
एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप से जब व्यापारिक टैरिफ को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि अगर उनके पास टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं होता, तो इस समय दुनिया में कम से कम चार बड़े युद्ध चल रहे होते। ट्रंप ने दावा किया कि उन्हीं की नीतियों की वजह से इस साल की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौता हुआ, जिससे दोनों परमाणु ताकतों के बीच तनाव कम हुआ।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ ने न सिर्फ आर्थिक मजबूती दी है, बल्कि इससे अमेरिका अब एक "शांतिदूत देश" बन गया है। उनके मुताबिक, इन टैरिफ से अमेरिका को सैकड़ों अरब डॉलर की अतिरिक्त कमाई भी हो रही है, जिसने देश की स्थिति और मजबूत की है।
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने इस तरह का दावा किया हो। 10 मई 2025 को उन्होंने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच रात भर चली बातचीत के बाद दोनों देशों ने पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई। उसके बाद से ट्रंप कई बार यह दोहराते रहे हैं कि उन्होंने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव कम कराने में अहम भूमिका निभाई।
हालांकि, भारत ने हमेशा से यह रुख अपनाया है कि पाकिस्तान से जुड़े किसी भी मुद्दे पर कोई भी तीसरा पक्ष शामिल नहीं होगा। भारत का मानना है कि दोनों देशों के बीच बातचीत ही विवादों को सुलझाने का सबसे बेहतर रास्ता है। वहीं, ट्रंप के इन बयानों को कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ प्रचारात्मक और घरेलू राजनीति से जुड़ा कदम मानते हैं, जिससे वे अपनी विदेश नीति को सफल दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।