भारतीय कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार ड्रोन प्रौद्योगिकी : अध्ययन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 27, 2023

फसल कटाई, उसके परिवहन और भंडारण के दौरान होने वाली भारी क्षति को ड्रोन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से लगभग 50 प्रतिशत कम किया जा सकता है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ‘‘ट्रांसफॉर्मिंग इंडियाज फ्रेश फ्रूट्स एंड वेजिटेबल इंडस्ट्री: ड्रोन डिलिवरी फॉर मिनीमाइजिंग वेस्टेज एंड एम्पॉवरिंग फॉर्मर्स’’ (भारत के ताजा फल और सब्जी उद्योग में बदलाव: बर्बादी को कम करने और किसानों को सशक्त बनाने के लिए ड्रोन डिलिवरी) शीर्षक से जारी यह रिपोर्ट ताजा फल और सब्जी क्षेत्र में कटाई के बाद की चौंका देने वाली बर्बादी को उजागर करती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे ड्रोन डिलिवरी इन चुनौतियों को कम कर सकती है, किसानों की स्थिति में सुधार कर सकती है।

इसके साथ ही ड्रोन डिलिवरी पूरी आपूर्ति श्रृंखला की कार्यकुशलता बढ़ाने और उसे टिकाऊ बनाने में मदद कर सकती है। प्रमुख ड्रोन डिलिवरी लॉजिस्टिक्स प्रदाता स्काई एयर ने एक नये अध्ययन में कहा है कि ड्रोन प्रौद्योगिकी भारतीय कृषि क्षेत्र का पूरा नक्शा बदलने में सक्षम है। इस रिपोर्ट में कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी की नई और विशाल क्षमताओं के बारे में बताया गया है और कई नए तथ्य सामने रखे गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को ताजा फलों और सब्जियों के क्षेत्र में कटाई के बाद सालाना 30-40 प्रतिशत की भारी क्षति के साथ एक गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अनुसार, ये नुकसान, लगभग 13,300 करोड़ रुपये (1.8 अरब डॉलर) तक पहुंच गया है।

प्रमुख तौर पर उचित भंडारण सुविधाएं न होने के कारण कृषि उत्पादों के खराब होने, अकुशल परिवहन सेवाएं और सीमित बाजार पहुंच के कारण नुक्सान बढ़ रहा है। स्काई एयर के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंकित कुमार का कहना है, ‘‘परिवहन के एक महत्वपूर्ण हिस्से को सडक़ से ड्रोन डिलिवरी में स्थानांतरित करके, किसान कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साथ पर्यावरण अनुकूल तौर-तरीकों को बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं। फल और सब्जी उद्योग में ड्रोन डिलिवरी को तेजी से अपनाए जाने से लागत और समय की बचत होती है। साथ ही इसमें कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में सफलता मिलती है। ये लाभ किसानों की लाभप्रदता को बढ़ाते हैं, उपज की तेजी से डिलिवरी को सक्षम करते हैं और कृषि आपूर्ति श्रृंखला में पर्यावरण अनुकूल पहल को बढ़ावा देते हैं।’’

इन चुनौतियों के मद्देनजर यह अध्ययन कृषि जिंस उद्योग में बड़ा बदलाव लाने के लिए ड्रोन-आधारित डिलिवरी प्रणाली की क्षमताओं को सामने लाता है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट (मैनेएज) द्वारा संचालित एक प्रायोगिक परियोजना में ताजा उपज के परिवहन के लिए ड्रोन के उपयोग के माध्यम से इसकी बर्बादी में लगभग 20 प्रतिशत की कमी देखी गई, जो इस अभिनव समाधान के प्रभावों को प्रदर्शित करता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च एंड मैनेजमेंट (आईजेएसआरएम) में प्रकाशित एक अध्ययन में कृषि क्षेत्र में बर्बादी को कम करने पर ड्रोन डिलिवरी के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। शोध से पता चला कि ड्रोन-आधारित डिलिवरी प्रणाली के उपयोग से फसल कटाई के बाद के नुकसान को संभावित रूप से 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

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