By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 12, 2018
नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों के मतपत्रों से 'उपर्युक्त में से कोई भी नहीं' (नोटा) विकल्प मंगलवार को वापस ले लिया। उच्चतम न्यायालय ने 21 अगस्त को कहा था कि राज्यसभा चुनाव के मतपत्र में नोटा का विकल्प नहीं होगा। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष चुनावों में नोटा एक विकल्प के रूप में जारी रख सकता है।
फैसले के आलोक में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के प्रमुख निर्वाचन अधिकारियों को जारी एक आदेश में कहा कि राज्यसभा चुनाव और विधान परिषद चुनाव में अब नोटा का विकल्प नहीं होगा। इसमें कहा गया है कि अब से इन चुनावों के मतपत्रों में नोटा के लिए कॉलम मुद्रित नहीं किया जाएगा।