By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 21, 2018
नयी दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव आयोग के दोनों निर्वाचन आयुक्तों को संवैधानिक संरक्षण के दायरे में लाने को जरूरी बताते हुये इस पहल का समर्थन किया है। अरोड़ा ने बताया कि मैं चुनाव आयुक्तों को भी संवैधानिक संरक्षण के दायरे में लाने का पूर्ण समर्थन करता हूं। इस बाबत संविधान संशोधन करने की जिम्मेदारी सरकार की है।
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उल्लेखनीय है कि मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ मुख्य निर्वाचन आयुक्त को ही संवैधानिक संरक्षण प्राप्त है। इस वजह से मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पद से हटाने के लिये संसद द्वारा ‘महाभियोग’ प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है। जबकि निर्वाचन आयुक्त को राष्ट्रपति मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश पर हटा सकते हैं।
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मार्च 2015 में विधि आयोग ने चुनाव सुधार संबंधी अपनी रिपोर्ट में मुख्य निर्वाचन आयुक्त की तरह दोनों निर्वाचन आयुक्तों को भी संवैधानिक संरक्षण के दायरे में लाने की सिफारिश की थी। चुनाव आयोग पहले ही कानून मंत्रालय से इस बाबत प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का अनुरोध कर चुका है। वहीं सरकार का कहना है कि इसके लिये संविधान संशोधन करना होगा और यह लक्ष्य राजनैतिक सहमति से ही हासिल किया जा सकता है।