नयी दिल्ली।
भारत में
इजराइल के राजदूत रोन मल्का ने कहा कि यहां इजराइली दूतावास में अगले साल जनवरी से एक अलग ‘जल अताशे’ होंगे जो भारत में जल प्रबंधन तथा कृषि क्षेत्र में मदद के लिए अपने देश की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों को साझा करेंगे। मल्का ने कहा कि इसके अलावा इजराइल, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी और सहभागिता बढ़ाने के उददेश्य से एक मानद वाणिज्य दूत की नियुक्ति भी करेगा।
मल्का ने एक साक्षात्कार में कहा कि उत्तर पूर्व में इजराइल की मौजूदगी कम थी और अब यह अपनी मौजूदगी बढ़ रहा है क्योंकि उसे लगता है कि इससे इस क्षेत्र में अनेक विकास सेक्टरों में सहायता मिल सकती है। इजराइली राजदूत ने कहा कि जनवरी में उनका देश पहली बार ‘जल अताशे’ की नियुक्ति करने जा रहा है जो यहां कई सालों से पदस्थ ‘कृषि अताशे’ के साथ मिलकर काम करेंगे और वे भारत-इजराइल साझेदारी के तहत कृषि के उत्कृष्टता केंद्रों में जाएंगे और भारत में जल प्रबंधन तथा कृषि की प्रौद्योगिकी और प्रणाली लाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे 29 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये गये हैं और एक साल में इन केंद्रों में करीब डेढ़ लाख किसानों को प्रशिक्षित किया गया है।
मल्का ने कहा, ‘‘भारत और इजराइल की जल प्रबंधन में रणनीतिक साझेदारी है। हम इस मुख्य विषय पर साझेदारी कर रहे हैं क्योंकि हम समझते हैं और मानते हैं कि भारत में कोविड के बाद पानी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।’’ उन्होंने अपने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मित्रवत संबंधों की भी प्रशंसा की।