जोखिम के मापदंड पर पहचान में आई इकाइयों का GST ऑडिट होगा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 27, 2019

नयी दिल्ली। राजस्व विभाग ने जीएसटी पंजीकरण वाली कंपनियों के खातों के आडिट की जोखिम मापदंड के आधार पर योजना बना रहा है। इसमें कर चोरी के इतिहास वाली, समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली और सवालों के घेरे में आए लेखाकारों की नियुक्ति करने वाली कंपनियां आएंगी। आडिट महानिदेशालय (अप्रत्यक्ष कर) ने आडिट योजना का खुलासा करते हुए कहा कि सीबीआई की विश्लेषण इकाई ऐसे जीएसटी दाताओं की सूची तैयार करेगा जो जोखिम वाले हैं। इस सूची को जांच के लिए आडिट आयुक्तालयों को साझा किया जाएगा। 

इसे भी पढ़ें: वाहनों पर GST में कमी से अर्थव्यवस्था को होगा लाभ: आनन्द महिंद्रा

जोखिम के आधार पर पहचान में आए करदताओ को तीन श्रेणियों छोटे (10 करोड़ रुपये तक कारोबार वाले) मध्यम (10 से 40 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले) और बड़े (40 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले) में बांटा जाएगा। यह आडिट वित्त वर्ष 2017-18 के वार्षिक रिटर्न के आधार पर किया जाएगा। यह जीएसटी के क्रियान्वयन का पहला वर्ष है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए वार्षिक रिटर्न दायर करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त, 2019 है।

इसे भी पढ़ें: GST अधीक्षक पर अधिक संपत्ति जुटाने का लगा आरोप, CBI ने दर्ज किया मामला 

यह आडिट योजना उन इकाइयों पर लागू होंगी जो केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। कर रिटर्न की बिना दखल जांच सुनिश्चित करने के लिए महानिदेशक आडिट ने जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद के मुख्य आयुक्तों से ‘डेस्क आधारित आडिट’ की प्रक्रिया अपनाने को कहा है। अभी इसके लिए मौजूदा प्रणाली परिसर आधारित आडिट की है। आडिट महानिदेशक ने कहा कि परिसर आधारित आडिट ऐसे मामलों में आयुक्त की अनुमति से किया जा सकता है जिनमें छोटे करदाता सहयोग से इनकार कर रहे हों। 

प्रमुख खबरें

Gujarat News । मौलवी रच रहा था BJP नेताओं की हत्या की साजिश, पुलिस ने किया गिरफ्तार, WhatsApp से मिली अहम जानकारी

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार प्रज्वल की दुष्कर्म पीड़िताओं को वित्तीय सहायता देगी

प्रधानमंत्री मोदी भगवान राम के नाम पर वोट मांगेंगे, लेकिन विकास और महंगाई पर नहीं बोलेंगे : Sanjay Raut

Amitabh Bachchan ने तमिल फिल्म ‘Vettaiyan की शूटिंग पूरी की