बड़ा खुलासाः आपके और दोस्तों के FB डाटा तक कई कंपनियों की पहुँच

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 04, 2018

वाशिंगटन। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने एपल और माइक्रोसॉफ्ट समेत करीब 60 हैंडसेट निर्माताओं के साथ डाटा साझा करने के लिए साझेदारी की है। इन कंपनियों की पहुंच उपयोक्ता और उसके दोस्तों के डाटा तक होगी। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रपट में यह दावा किया गया है। उल्लेखनीय है कि कुछ हफ्तों पहले ही 8.7 करोड़ लोगों के निजी डाटा को गलत तरीके से साझा करने पर फेसबुक को तीखी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थीं, और अब यह रपट सामने आयी है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने रविवार को इन साझेदारी समझौतों का पर्दाफाश किया। यह ब्रितानी राजनीतिक सलाहकार कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका से जानकारी साझा करने से जुड़े हाल में घटित मामले के बाद फेसबुक के लोगों के डाटा उपयोग से जुड़े आचरण को दिखाता है। वर्ष 2004 में स्थापित फेसबुक ने एपल, अमेजन, ब्लैकबेरी, माइक्रोसॉफ्ट और सैमसंग समेत कम से कम 60 हैंडसेट विनिर्माता कंपनियों के साथ फेसबुक ने डाटा साझा करने संबंधी समझौते किए हैं। रपट में कंपनी के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि डाटा साझा करने के समझौते का काम बहुत पहले शुरू कर दिया गया था जबकि स्मार्टर्फोन पर फेसबुक के एप का पूरी तरह प्रसार भी नहीं हुआ था। फेसबुक 2004 में शुरू हुई। उसने दस साल में कम से कम 60 हैंडसेट विनिर्माताओं से इस तरह का समझौता किया है।

 

इन समझौतों ने फेसबुक को अपनी पहूंच बढ़ाने का मौका दिया और हैंडसेट विनिर्माताओं को सोशल नेटवर्क साइट के 'लाइक' जैसे इत्यादि कई फीचर ग्राहकों को पेश करने की छूट दी। रपट में कहा गया है कि इस तरह के समझौते कंपनी द्वारा 2011 में अमेरिका के संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) के साथ किए गए निजता सुरक्षा एवं अनुपालन आदेश को लेकर चिंताएं बढ़ाता है। अखबार ने अपनी खोजी रपट में कहा है कि फेसबुक ने इन कंपनियों को उपयोक्ताओं और उनके दोस्तों के डाटा तक पहुंच उपलब्ध करायी और इसके लिए उनसे कोई शुरूआती सहमति भी नहीं ली गई, और यह तब किया गया जब कंपनी ने घोषणा की कि वह किसी बाहरी के साथ इस तरह की जानकारी साझा नहीं करती है।

 

अखबार ने अपनी खोज में पाया कि इन कंपनियों की पहुंच उपयोक्ता के दोस्तों की निजी जानकारी तक भी हो सकती है। हालांकि अखबार के साथ साक्षात्कार फेसबुक ने अपने डाटा साझेदारी समझौतों का बचाव किया और कहा कि यह उसकी निजता नीति, एफटीसी के साथ समझौते और उपयोक्ताओं के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरुप है। कंपनी के उपाध्यक्ष इमे आर्जिबांग ने अखबार से कहा कि यह साझेदारियां जिस तरह से एप बनाने वाले हमारे प्लेटफार्म का उपयोग करते हैं, उसके हिसाब से बहूत अलग तरह से काम करती हैं। हालांकि इस बारे में बर्केले के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में निजता पर शोध करने वाले सर्ज ईगलमेन का कहना है कि आप फेसबुक और इन हैंडसेट निर्माता कंपनियों पर भरोसा कर सकते हैं। लेकिन समस्या यह है कि जितना ज्यादा डाटा आपके हैंडसेट पर संग्रह होगा और अगर उस पर उपलब्ध एप की उन तक पहुंच होगी तो यह निजता और सुरक्षा के लिए गंभीर जोखिम है।

 

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