By अंकित सिंह | Dec 24, 2025
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को शिवसेना (यूबीटी)-महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) गठबंधन को खारिज करते हुए कहा कि दोनों पार्टियां राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक होने के बावजूद अपने गठबंधन को लेकर कृत्रिम प्रचार करने की कोशिश कर रही हैं। पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि इस गठबंधन को ऐतिहासिक घटना के रूप में पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "वे इस तरह का प्रचार करने की कोशिश कर रहे हैं जैसे रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता जैसी कोई ऐतिहासिक घटना घट रही हो, जिसमें राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अंततः आमने-सामने बैठे हों। यह प्रचार शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस दोनों द्वारा जानबूझकर किया जा रहा है।"
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों ने तुष्टीकरण की राजनीति के जरिए खुद को कमजोर कर लिया है, जिससे उनके वोट बैंक में लगातार गिरावट आ रही है। फडणवीस ने कहा कि ये वो पार्टियां हैं जिन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति में लिप्त होकर और अपना समर्थन खोकर अपनी प्रासंगिकता खो दी है। इनके गठबंधन से जनता को कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने आगे दावा किया कि यह गठबंधन विचारधारा से प्रेरित नहीं बल्कि राजनीतिक हताशा से प्रेरित है।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि अपने अस्तित्व को बचाने के हताश प्रयास में, उन्होंने हाथ मिला लिया है, यह मानते हुए कि कोई भी पार्टी अकेले नहीं जीत सकती। हालांकि, महाराष्ट्र की जनता ने हमारा काम देखा है, और इसी आधार पर महायुति विजयी होगी। इससे पहले, ठाकरे भाई राज और उद्धव पहले बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि देने और फिर जनवरी में होने वाले आगामी बीएमसी चुनावों के लिए गठबंधन की घोषणा करने के लिए एक साथ आए।
एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र जिस क्षण का लंबे समय से इंतजार कर रहा था कि शिवसेना और एमएनएस एक साथ आएं, आज हम आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा कर रहे हैं। यूबीटी सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, "हम साथ रहने के लिए एक साथ आए हैं।" दोनों पार्टियों का एक साथ आना इस बात का भी संकेत है कि पहचान की राजनीति एक बार फिर हावी होगी। यूबीटी सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मराठी मानुष की जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा। महाराष्ट्र के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।