By अनुराग गुप्ता | Jul 12, 2021
नयी दिल्ली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि किसानों के ट्रैक्टर लाल किला का ही नहीं बल्कि संसद का भी रास्ता जानते हैं। बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन नवंबर के आखिरी सप्ताह से आंदोलन कर रहे हैं फिर भी इनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के पास सितंबर तक का समय है। सरकार किसानों की बात मानकर कानून वापस ले, एमएसपी को कानून बनाए अन्यथा इस बार संघर्ष बड़ा होगा किसानों के ट्रैक्टर लाल किले का ही नहीं संसद का भी रास्ता जानते हैं। किसान नेता ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
वहीं आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी राकेश टिकैत ने टिप्पणी की है। एक निजी चैनल के साथ बातचीत में किसान नेता ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। हालांकि भारतीय किसान यूनियन की आगे की क्या रणनीति होगी, इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं है।
किसान नेता ने बताया कि सितंबर में मुजफ्फरनगर में किसानों की एक बैठक होगी। जिसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब में किसान शामिल होंगे। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में किसान क्या रणनीति बनाते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।
गौरतलब है कि किसान संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाए। हालांकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कानूनों को वापस नहीं लेने वाले हैं। लेकिन सुधार किए जा सकते हैं।