By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 12, 2016
वाशिंगटन। धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों समेत विभिन्न लोगों की हत्याओं के मामले में जांच के लिए अमेरिका ने बांग्लादेश को एफबीआई की मदद देने की पेशकश की है। इन हत्याओं में कानून के उस छात्र की हत्या भी शामिल है, जिसने फेसबुक पर इस्लामी चरमपंथियों के खिलाफ टिप्पणियां पोस्ट की थीं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, ‘‘हम बांग्लादेशी सरकार को जांच में सहयोग करने के लिए एफबीआई की मदद की पेशकश करते हैं।’’ टोनर दरअसल बांग्लादेश में मारे गए विभिन्न धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों की हत्या से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इनमें से कुछ हत्याओं की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने, तो कुछ की जिम्मेदारी अल कायदा ने ली है।
टोनर ने कहा, ‘‘हमने सबसे हालिया मामले की रिपोर्टें देखी हैं कि इसके पीछे अल कायदा था। यह भयावह हमले हैं। हम बांग्लादेशी अधिकारियों से अपील करते हैं कि वे इन हमलों को बेहद गंभीरता से लें, इनकी पूरी जांच करें और पीड़ितों के परिवारों को सहयोग दें।’’ बांग्लादेश में पिछले छह माह में व्यवस्थित ढंग से हमले हुए हैं। इन हमलों में अल्पसंख्यकों, धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों और विदेशियों को निशाना बनाया गया है।
पिछले सप्ताह 28 वर्षीय विधि छात्र नजीमुद्दीन समद पर हथियारबंद आतंकियों ने पहले छुरे से प्रहार किए थे और फिर उसे बेहद करीब से गोली मार दी थी। समद की हत्या अनीश्वरवादी लेखन करने वाले एक बांग्लादेशी लेखक की हत्या के बाद पिछले 14 माह में हुई छठी हत्या है। धर्मांतरण कर ईसाई धर्म अपना चुके 65 वर्षीय एक ईसाई व्यक्ति को पिछले माह उत्तरी बांग्लादेश के कुरीग्राम शहर में तीन अज्ञात बाइक सवारों ने मार डाला था। पिछले साल चार जाने-माने धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। इनमें से एक ब्लॉगर की हत्या उनके घर में की गई थी।
टोनर ने कहा कि आतंकी संगठनों की ओर से इन ब्लॉगरों पर मंडराने वाले खतरे को देखते हुए अमेरिका उन स्थितियों में मानवीय पेरोल के अनुरोधों पर विचार करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे क्रूर हमलों के लिए कोई माफी नहीं है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। हम बांग्लादेश और उन लोगों के साथ खड़े हैं, जो ऐसे घृणित कृत्यों को खारिज करते हैं और सभी बांग्लादेशियों के अभिव्यक्ति के अधिकार को समर्थन देने के लिए काम करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेशी अधिकारी इन साजिशकर्ताओं का पता लगाएंगे और उन्हें न्याय के कटघरे में लेकर आएंगे।’’