चैंपियन टीमों के लिए बुरे सपने जैसा रहा फीफा विश्व कप 2018

By दीपक मिश्रा | Jul 06, 2018

फीफा विश्व कप 2018 दिन प्रति दिन आगे बढ़ सा रहा है। खैर जैसे-जैसे यह आगे बढ़ रहा है। उसी तरीके से विश्व कप से कई चैंपियन टीमें बाहर भी होती जा रही हैं। आलम यह है कि जहां एक तरफ विश्व कप की शुरूआत में ही बाहर होने वाली टीमों के नाम के कयास लगाए जा रहे थे। वहां वह टीमें अभी भी विश्व कप जीतने की रेस में बनी हुई हैं। इसके विपरीत चैंपियन टीमें विश्व कप से बाहर होकर एयरपोर्ट के रास्ते अपने अपने घर को रवाना हो चुकी हैं। अब तक जर्मनी, अर्जेंटीना, पुर्तगाल और स्पेन जैसी खतरनाक और खिताब की प्रबल दावेदार टीमें बाहर हो गई हैं। वहीं इस विश्व कप में मेजबान टीम रूस तो जैसे इतिहास रचने के लिए मानो बेताब-सी है। जिस तरीके से प्री-क्वार्टरफाइनल मुकाबले में उसने स्पेन को हराया। उससे तो इस टीम को इस विश्व का सबसे आश्चर्यजनक पहलू माना जा रहा है।

 

उलटफेर का शिकार हुई जर्मनी

 

फीफा विश्व कप 2018 में सबसे बदकिस्मत टीम है। तो वह जर्मनी है जिसके बारे में फाइनल खेलने की बातें की जा रही थी। वह टीम पहले ही दौर से विश्व कप से बाहर हो चुकी है। चार बार के पूर्व चैंपियन (1954, 1974, 1990 और 2014) में विश्व चैंपियन रही है। गौरतलब है कि जर्मनी इस बार की डिफेंडिंग चैंपियन थी। जिसके अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद हर किसी को थी। वह टीम अपने प्रशंसकों को निराश कर घर लौट चुकी है। 

 

पिछले 3 संस्करण के चैंपियन विश्व कप से हुए बाहर

 

इस विश्व कप का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह रहा कि यहां से पिछले तीन संस्करण की विजेता टीमें विश्व कप से बाहर हो चुकी है। 2014 के चैंपियन जर्मनी दक्षिण कोरिया के हाथों हार कर विश्व के बाहर हो चुकी है। वहीं उसके बाद साल 2010 के चैंपियन स्पेन को रविवार को रूस के हाथों हारकर विश्व कप से बाहर होना पड़ा। वहीं साल 2006 के चैंपियन इटली तो इस विश्व का हिस्सा ही नहीं बन सकी। इटली के भाग्य तो इस कदर डूबे की यह टीम विश्व कप के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर सकी। 

 

फाइनल खेलने वाले हुए फाइनल की दौड़ से बाहर

 

अर्जेंटीना और 2010 में फाइनल खेलने वाला नीदरलैंड इस विश्व कप में नहीं है। जाहिर है जहां अर्जेंटीना फ्रांस के हाथो हारकर इस विश्व कप से बाहर हुआ है। वहीं नीदरलैंड तो इस विश्व कप के खिलाफ क्वालीफाई भी नहीं कर सका था। जाहिर है यह विश्व कप बड़ी टीमों के लिए एक बुरे सपने जैसा है। जिसके बारे में वह भविष्य में कभी सोचना भी नहीं चाहेंगे।

 

-दीपक मिश्रा

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