निर्दोष में अंत तक गुनहगार का पता लगाना है मुश्किल

By प्रीटी | Jan 22, 2018

निर्देशक द्वय प्रदीप रंगवानी और सुब्रतो पॉल की इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'निर्दोष' कसी हुई पटकथा वाली थ्रिलर फिल्म है। यह एक निर्दोष को बचाने की कहानी है जिसमें दर्शकों को अंत से पहले यह पता लगाना मुश्किल है कि कौन है गुनाहगार। हालांकि फिल्म का ज्यादा प्रचार नहीं किया गया इसलिए थियेटरों पर दर्शकों का पहले ही सप्ताह में ठंडा रिस्पांस देखने को मिला लेकिन यह माना जा सकता है कि अपनी कहानी के चलते यह फिल्म दर्शकों के बीच जगह बना लेगी।

फिल्म की कहानी राणा (मुकुल देव), इंस्पेक्टर लोखंडे (अरबाज खान) और शिनाया ग्रोवर (मंजरी फड़नीस) के इर्दगिर्द घूमती है। राणा के कत्ल के इल्जाम में इंस्पेक्टर लोखंडे शिनाया को गिरफ्तार कर लेता है। घटनास्थल से ऐसे सबूत मिलते हैं जोकि शिनाया का कत्ल में हाथ होने की ओर इशारा कर रहे हैं लेकिन शिनाया का पति गौतम (अश्मित पटेल) राणा के कत्ल की बात कबूल लेता है लेकिन इंस्पेक्टर जांच में पाता है कि कत्ल के समय गौतम तो अपने आफिस में था। इंस्पेक्टर अपनी जांच जारी रखता है और कदम-कदम पर उसके सामने नये संदिग्ध आते जाते हैं। अंत में जब कातिल का पता चलता है तो सब हैरान रह जाते हैं।

 

फिल्म में अरबाज खान लीड रोल में हैं। वह इंस्पेक्टर की भूमिका में तो जमे हैं लेकिन उनके कंधों पर ही कोई फिल्म खिंच नहीं सकती। मुकुल देव और मंजरी फड़नीस का काम भी दर्शकों को पसंद आयेगा। महक चहल ने भी प्रभावित किया। फिल्म की कहानी सशक्त है और इस बात का श्रेय निर्देशक को दिया जाना चाहिए कि उन्होंने कहानी को पटरी से उतरने नहीं दिया है। फिल्म का संगीत औसत है। यदि आपको थ्रिलर फिल्मों का शौक है, तो यह फिल्म देखकर निराश नहीं होंगे।

 

कलाकार- अरबाज खान, मंजरी फड़नीस, अश्मित पटेल, महक चहल, मुकुल देव और निर्देशक प्रदीप रंगवानी, सुब्रतो पॉल।

 

प्रीटी

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज