चुनावी साल में कोरोना से लड़ रहे बिहार के सामने अब बाढ़ की चुनौती

By अंकित सिंह | Jul 11, 2020

चुनावी साल में बिहार दो बड़ी चुनौतियों से जूझ रहा है। एक ऐसी चुनौती ऐसी है जिसने पूरी दुनिया को मुश्किलों में डाल रखा है और वह कोरोनावायरस की चुनौती है। जबकि दूसरी चुनौती भी जानी पहचानी है क्योंकि हर साल यह बिहार पर कहर बरपाती है। लेकिन इसका अब तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया है और यह चुनौती कुछ और नहीं बल्कि बाढ़ है। बिहार और बाढ़-ऐसा कोई बारिश का मौसम नहीं है जब दोनों का नाम एक साथ ना लिया जाता हो। फिलहाल सावन के शुरुआती दौर में ही बिहार में बाढ़ का खतरा बन गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यह खतरा अचानक से आया है बल्कि पहले से ही इसकी अंदेशा जताई जा रही थी।

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इस साल बिहार में बाढ़ का अंदेशा इसलिए भी और प्रबल था क्योंकि नेपाल से बिगड़े रिश्तो के बीच इस बार बारिश भी अपनी कहर बरपा रही है। दरअसल भारत के साथ बिगड़े कूटनीतिक रिश्तो के कारण नेपाल अपने यहां से पानी लगातार भारत में भेज रहा है। इसी कारण नेपाल से निकलने वाली नदियां बिहार में रौद्र रूप ले रही हैं। वहीं अगर बात बारिश की करे तो बिहार में यह पिछले 15-20 दिनों से लगातार जारी है। इस बार बिहार में बारिश भी भयंकर हो रही है। भयंकर बारिश के कारण बिहार की नदियां उफान पर है। बागमती पांच स्थानों पर लाल निशान को पार कर चुकी है जबकि लालबकेया नदी भी खतरे के निशान को पार कर गई है। कोसी का जल बहाव भी इस वर्ष उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

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कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि बिहार के लगभग 14 जिलों की 50 लाख आबादी पर इस वक्त बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गंडक भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बिहार में इस साल वज्रपात के कारण डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। बाढ़ के संभावित खतरे को लेकर नीतीश कुमार लगातार बैठकें कर रहे हैं। वे बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा कर चुके हैं। दूसरी ओर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी एनडीआरएफ की टीम के साथ बैठक कर चुके हैं। बाढ़ की संभावित खतरों को लेकर फिलहाल तैयारियां जोरों पर है। हालांकि कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण, मधुबनी तथा पटना जैसे जिलों में बाढ़ का हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।


वहीं बिहार में कोरोना विस्फोट भी अपने चरम पर है। आज बिहार में 709 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इन नए मामलों के साथ ही बिहार में संक्रमित मरीजों की संख्या 15000 से पार हो गई है। हालांकि अच्छी बात यह भी है कि 10,000 से ज्यादा मरीज ठीक भी हो चुके हैं जबकि अब तक 109 लोगों की मौत हुई है। बिहार में सबसे ज्यादा कोरोना का असर राजधानी पटना में है। विपक्ष सरकार पर कोरोनावायरस संकट सं निपटने में लापरवाही का आरोप लगा रही है। वहीं सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि वह हर तरह से कोरोना के खिलाफ जंग के लिए प्रतिबद्ध है और तैयार है। वहीं अब बिहार की राजनीति भी तेज है। अब देखना होगा कि इन दो चुनौतियों से निपट कर बिहार चुनाव की दिशा में कैसे आगे बढ़ता है। 

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