By रेनू तिवारी | May 26, 2025
जेल में कैदी अपनी सजा काटने के लिए आते हैं लेकिन जयपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां 4 कैदियों को अपनी गर्लफ्रेंड और पत्नी की याद आ रही थी जिसके कारण वह अस्पताल का बहाना करके शहर में अपनी पत्नी, गर्लफ्रेंड के साथ पोहा खाने निकल गये। पुलिस के हवाले से पीटीआई ने बताया कि रविवार को पांच कांस्टेबलों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जब पता चला कि जेल के चार कैदियों ने बाहर जाने और अपनी पत्नियों और गर्लफ्रेंड के साथ अच्छा समय बिताने के लिए रिश्वत दी। उक्त समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, चार कैदियों- रफीक बकरी, भंवर लाल, अंकित बंसल और करण गुप्ता- ने जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए मंजूरी मांगी थी। एक को छोड़कर, सभी बदमाशों ने मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल जाने के बजाय शहर में आराम से दिन बिताने के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी।
जयपुर सेंट्रल जेल के पांच कैदियों के लिए जो एक नियमित अस्पताल यात्रा होनी थी, वह पोहा नाश्ते, होटल में ठहरने और पत्नियों और गर्लफ्रेंड के साथ पुनर्मिलन के साथ एक क्वालिटी डेट में बदल गयी। यह बात सामने आई कि कैदियों ने जेल से बाहर कुछ घंटे की आजादी का आनंद लेने के लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी। चारों कैदियों रफीक बाकरी, भंवर लाल, अंकित बंसल और करण गुप्ता ने कथित तौर पर एसएमएस अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए मंजूरी हासिल की थी। लेकिन पुलिस ने बताया कि अपने अपॉइंटमेंट पर जाने के बजाय, उन्होंने कथित तौर पर शहर में आराम से दिन बिताने के लिए रिश्वत दी और केवल एक कैदी अस्पताल पहुंच पाया। शनिवार को शाम 5.30 बजे तक चारों में से कोई भी जेल नहीं लौटा।
जांच में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह सैर एक बिचौलिए के जरिए करीब 25,000 रुपये में तय की गई थी। एस्कॉर्ट करने वाले कांस्टेबलों को 5,000 रुपये देने का वादा किया गया था।" डीसीपी (ईस्ट) तेजस्वनी गौतम ने बताया कि रफीक और भंवर ने अपनी पत्नी और पूर्व प्रेमिका से जालूपुरा के एक होटल में मुलाकात की, जहां बाद में रफीक की पत्नी के पास से नशीले पदार्थ बरामद किए गए और उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। अंकित और करण को एयरपोर्ट के पास एक होटल में पकड़ा गया, जहां उन्हें नाश्ते में पोहा खाते हुए देखा गया। कमरा अंकित की गर्लफ्रेंड ने बुक किया था।
बाद में पुलिस ने करण के रिश्तेदार को एक होटल से 45,000 रुपये नकद और कई कैदी आईडी कार्ड के साथ हिरासत में लिया। जेल सूत्रों ने बताया कि इस घटना की साजिश जेल के अंदर से ही सक्रिय एक सजायाफ्ता जबरन वसूली करने वाले ने रची थी। जांचकर्ताओं का कहना है कि अप्रैल से अब तक 200 से अधिक फोन कॉल इंटरसेप्ट किए गए हैं, जिनसे रिश्वत, अनधिकृत मोबाइल इस्तेमाल और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित वीआईपी को कथित धमकियों के गहरे नेटवर्क का पता चलता है। पुलिस ने बताया कि सवाई मान सिंह थाने में मामला दर्ज किया गया है और जयपुर सेंट्रल जेल में जांच और तलाशी शुरू कर दी गई है।