By अभिनय आकाश | Dec 26, 2020
फेडरल रिपब्लिक ऑफ़ नाइजीरिया या फिर कहे नाइजीरिया संघीय गणराज्य पश्चिम अफ्रीका का एक देश। घने जंगलों और कच्चे तेल के भंडार वाले इस देश की सीमाएं पश्चिम में बेनीन, पूर्व में चाड, उत्तर में कैमरून और दक्षिण में गुयाना की खाड़ी से लगती है। लेकिन इन सब से इतर इस देश में सबसे क्रूर आतंकवादी संगठन बोको हराम का दुर्ग है। बोको हराम जिसे दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन माना जाता है। दरिंदगी के मामले में तो बोको हराम आईएसआईएस को भी पीछे छोड़ चुका है। इस आतंकी संगठन ने पांच देशों में कत्लेआम मचाया हुआ है। बोको हराम की दहशत का आलम ये है कि इसका नाम सुनते ही लोग कांप उठते हैं और उसके खौफ के साये में जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं। वैसे तो इस क्रूर आतंकी संगठन की कहानी 18 साल पुरानी है। लेकिन क्रिसमस की पूर्व संध्या पर नाइजीरिया में एक पादरी का अपहरण कर 11 लोगों की हत्या के बाद फिर से इस संगठन का जिक्र तेज हो गया। बताया जा रहा है कि हथियारों से लैस संगठन के लोगों ने पहले खाने का सामान लूटा और फिर पेमी गांव के इलाके में दस घरों को आग के हवाले कर दिया। इससे करीब एक महीने पहले भी 28 नवंबर की तारीख को इस संगठन के हमले में 110 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले धान के खेतों में काम करने वाले किसान थे। बीते दो दशक में देखें तो बोको हराम नामक इस संगठन ने नाइजीरिया में आतंक फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आम लोगों का अपहरण करना हो या फिर उनकी हत्या और तो और सेना पर हमला करने जैसी कई घटनाएं इ पश्चिम अफ्रीकी देश में लगातार जारी है। नाइजीरिया में सेना और बोको हराम के बीच संघर्ष में हजारों जाने जा चुकी हैं और लाखों लोग अपना घर छोड़ रुकसत हो चुके हैं।
नाइजीरिया की सरकार भले ही ये दावा करे की उसने बोको हराम को कमजोर कर दिया है इसके विपरीत स्याह सच ये है कि बोको हराम और इसका सरगना अबू बकर शेखु लगातार अपनी हिंसक और क्रूर वारदातों से आम लोगों को शिकार बनाता रहा है। नाइजीरिया की उत्तरी सीमा पर बोको हराम का राज है। उसके लड़ाके जब चाहे तब इस इलाके में बसे गांवों और शहरों पर हमला करते रहते हैं। इस इलाके में बोको हराम के खौफ का आलम ये है कि यहां रहने वाले लोग इस आतंकी संगठन का नाम सुनकर ही कांप उठते हैं।
इस्लाम की सफाई के लिए गठन
दुनियाभर के मुसलमान सच्चे इस्लाम की राह से भटक गए हैं और पश्चिमी प्रभाव ने उन्हें अपना शिकार बना लिया है। ऐसे में इस्लाम की कथाकथित साफगोई और सच्चे स्वरूप को वापस लाने की जद्दोजेहद के इरादे से साल 2002 में इस इस्लामिक संगठन की बुनियाद पड़ी। नाम पड़ा जमातु अहलिस सुन्ना लिद्दावाती वल जिहाद लेकिन इसका छोटा और सबसे प्रचलित नाम बोको हराम। बोको हराम का मतलब होता है पश्चिमी शिक्षा वर्जित है, हराम है। अपने गठन के ठीक एक साल बाद यानी साल 2003 के दिसंबर महीने में इस संगठन ने पहला हमला किया। धीरे-धीरे संगठन का विस्तार होने लगा और सैकड़ों की संख्या में स्कलूों में पढ़ने वाले बच्चें बोको हराम में शामिल होने लगा। जिनके जरिये ये संगठन छोटे-मोटे वारदातों को अंजान देता रहा। लेकिन साल 2009 में बोको हराम के जिहादियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। जिसके बाद इस संगठन को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। इसी दौरान पुलिसिया मुठभेड़ में इस संगठन का मुखिया मोहम्मद यूसुफ भी मारा गया। संगठन के 800 से ज्यादा लोग पुलिस द्वारा मारे गए। जिसके बाद से ये माना गया कि संगठन दम तोड़ चुका है या फिर अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। लेकिन ये तो महज एक अध्याय के खत्म होने और नई खौफनाक वारदात के आगमन की दस्तक थी।
बोको हराम का नया सरगना अबु बकर शेखु
साल 2009 से ही इस संगठन की कमान अबु बकर शेखु के हाथों में है। अबुबकर और भी ज्यादा क्रूर और कट्टर था। जिसके बाद से बोको हराम लगातार हिंसक हमले और नरसंहार करता आ रहा है। अगस्त 2016 में इस संगठन ने इस्लामिक स्टेट और लेवेंट से सांठगांठ कर लिया। बोको हराम की कमान अबुबकर शेखु के हाथों में आने के बाद से ही इस संगठन ने आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। इस संगठन ने अबतक लाखों लोगों को मौत के घाट उतारा है।
साल 2014 में किया था 200 से ज्यादा लड़कियों का अपहरण
साल 2014 में अप्रैल के महीने में बोको हराम के जिहादियों ने चिबोक कस्बे के बोर्डिंग स्कूल से 276 बच्चियों का अपहरण कर लिया। इस घटना ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया। कुछ लड़कियां वहां से भाग निकलने में कामयाब हुई वहीं कुछ को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने बातचीत कर छुड़वाया गया और करीब चार साल बाद 107 लड़कियां लौटा दी गईं। लेकिन अभी भी 100 से ज्यादा लड़कियां लापता हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बोको हराम लड़कियों का अपहरण कर उनके खाना पकवाने और सेक्स स्लेव से लेकर आत्मघाती हमलावर बनाने तक में इनका इस्तेमाल करता है।
300 बच्चों को किया अगवा
बोको हराम के जिहादियों ने बीते सप्ताह कत्सिना राज्य के बोर्डिंग स्कूल पर हमला कर 300 बच्चों का अपहरण कर लिया। हालांकि बाद में गवर्नर अमिनू बेलो मसारी ने घोषणा कर कहा कि सुरक्षाबलों द्वारा सभी बच्चों को रिहा करा लिया गया।
बोको हराम ने कब और कहां-कहां हैवानियत का खेल खेला
लाखों लोगों को उतार चुका मौत के घाट
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2015 में बोको हराम को आतंकी संगठनों की सूची में रखा गया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2020 से जून 2020 तक इस संगठन ने 1100 लोगों को मौत के घाट उतारा है। हर साल कई हजार लोग इस आतंकी संगठन का शिकार बनते हैं। संयुक्त राष्ट्र बाल निधि (यूनिसेफ) के मुताबिक साल 2017 में बोको हराम ने 100 से ज्यादा फिदायीन हमले को अंजान दिया।
कौन कर रहा बोको हराम की मदद
दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन का तमगा पाने वाले बोको हराम को अपनी गतिविधियां कायम रखने के लिए किससे मदद मिल रही है ये एक बड़ा सवाल है। कई रिपोर्ट्स के अनुसार इस्लामिक आकंकी संगठन बोको हराम की कथित तौर पर मदद करते हैं। मध्य पूर्व से भगाए गए इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को अफ्रीका में फलने-फूलने में मदद की जा रही है। इस्लामिक स्टेट बोको हराम के आतंकियों को ट्रेनिंग देने का काम कर रहा है। इसके साथ ही सोमालिया स्थित अल शबाब नामक आतंकी संगठन के तार भी बोको हराम से जुड़े हैं।
बोको हराम वो आतंकवादी संगठन जो नाइजीरिया के लोगों के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुका है। बोको हराम के आतंकी जिस तरफ रूख करते हैं वहां कोहराम मचा देते हैं। और जब इनका कोहराम थमता है तो उस इलाके में सिर्फ और सिर्फ बर्बादी का मंजर देखने को मिलता है।- अभिनय आकाश