बड़ा ऐलान- वाराणसी में गंगा सीवर के पानी से मुक्त होगी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 03, 2019

वाराणसी। गंगा कार्य योजना की शुरूआत होने के तीन दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद इस वर्ष नवम्बर से पवित्र नदी में सीवेज का पानी नहीं जाएगा। गंगा नदी में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 14 जून 1986 को वाराणसी में गंगा कार्य योजना की शुरूआत की थी। नितिन गडकरी के तहत आने वाले गंगा पुनरूद्धार मंत्रालय और राष्ट्रीय गंगा स्वछता मिशन (एनएमसीजी) ने वाराणसी में सीवर के पानी के शोधन के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। गौरतलब है कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।

 

इसे भी पढ़ें- जेटली ने दिये संकेत, बजट चर्चा का जवाब देने के लिये भारत नहीं लौट पाएंगे

 

एनएमसीजी के अधिकारियों ने बताया, ‘‘ रमना के नजदीक 50 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र का काम करीब करीब पूरा हो गया है। उम्मीद है कि यह इस साल नवंबर तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा और ‘अस्सी नाले’ से निकलने वाले पानी का शोधन करेगा। इससे वाराणसी शहर के सीवर के गंदे पानी को गंगा में जाने से पूरी तरह से रोका जा सकेगा।’’

शहर से रोजाना करीब 30 करोड़ लीटर सीवर का पानी निकलता है।

 

इसे भी पढ़ें- राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते चुनावी सुधार लंबित : पूर्व सीईसी

 

पिछले साल प्रधानमंत्री द्वारा दीनापुर में 140 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र का उद्घाटन करने से सीवर के पानी का शोधन करने की क्षमता में इजाफा हुआ है।एनएमसीजी ने 36 घाटों की मरम्मत के लिए 11.73 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है जिनका काम इस साल जून तक पूरा होने की उम्मीद है।

प्रमुख खबरें

लोकसभा चुनाव: बृजभूषण सिंह का कटेगा टिकट! बेटे को मिल सकता है कैसरगंज सीट से चुनाव लड़ने का मौका

Breaking News: दिल्ली महिला आयोग के 223 कर्मचारियों को उपराज्यपाल ने हटाया

Devendra Fadnavis ने एमवीए शासन के ‘घोटालों’ की सूची उजागर करने का वादा किया

Biden Administration कर रहा है अमेरिकी नागरिकों के फलस्तीन में रहने वाले परिजनों की मदद पर विचार