लड़े गहलोत-पायलट, हर्ट हो गए अजय माकन? इस्तीफे के क्या मायने हैं, 5 प्वाइंट्स में समझें

By अभिनय आकाश | Nov 16, 2022

ग़म में कुछ ग़म का मशग़ला कीजे, दर्द की दर्द से दवा कीजे राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की रस्सा-कस्सी और गुटबाजी को लेकर ऊहा-पोह की स्थिति में फंसी कांग्रेस के दर्द की दवा अजय माकन ने अपने प्रभारी पद के इस्तीफे से करने की सोची है। एक तरफ जहां राहुल गांधी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर हैं वहीं अजय माकन ने कांग्रेस के राजस्थान के प्रभारी पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर कहा कि वो अब इस पद पर नहीं रहना चाहते। पत्र में माकन ने 25 सितंबर को जयपुर में हुए घटनाक्रम का भी जिक्र किया है। 

इसे भी पढ़ें: राजस्थान में कांग्रेस ने चिंतन शिविर तो कर लिया मगर राज्य में पार्टी की चिंताएं नहीं दूर हुईं

माकन नाराज हैं, लेकिन कहानी इससे कहीं ज्यादा है

अजय माकन इस बात से नाराज हैं कि लगभग दो महीने के बाद भी, मुख्यमंत्री गहलोत के तीन करीबी सहयोगियों के खिलाफ पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की है, जिन्हें 25 सितंबर को जयपुर में समानांतर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक आयोजित करने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया था। 

स्पष्टता की कमी

29 सितंबर को जैसे ही गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और उनसे माफी मांगी - संगठन के प्रभारी एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने घोषणा की कि राजस्थान पर एक या दो दिन में फैसला लिया जाएगा। वह फैसला क्या होगा? गहलोत के प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट को उम्मीद है कि जल्द से जल्द सत्ता परिवर्तन होगा। उनके खेमे का दावा है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव से एक साल पहले उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया है।

इसे भी पढ़ें: रेगिस्तान के जहाज ऊंट के संरक्षण की दिशा में राजस्थान सरकार ने की अभिनव पहल

गहलोत की जगह लेना कितना आसान 

कांग्रेस नेतृत्व विशेष रूप से नए अध्यक्ष खड़गे पर मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव होगा। गहलोत के बहुमत वाले विधायकों के समर्थन को देखते हुए ये बेहद की कठिन है। पार्टी ने अभी तक राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की है, जबकि अनुशासनात्मक समिति ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 

 खड़गे की चुनौती

कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए अभी शुरुआती दिन हैं। ऐसे में माकन का कदम उन्हें मुश्किल में डाल सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मुद्दा माकन के इस्तीफा देने का नहीं है, बल्कि उन सवालों का है जिसे उन्होंने उठाया है।  

माकन के इस्तीफे ने इन्हीं खामियों को सामने ला दिया

खड़गे के सामने यह पहली बड़ी चुनौती भी है। समय भी महत्वपूर्ण है - यह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने से ठीक एक पखवाड़े पहले आया है। पार्टी नेतृत्व इस चरण में कोई व्यवधान नहीं डालना चाहेगा जिससे राज्य में यात्रा में किसी तरह का व्यवधान आए। बड़ा सवाल यह है कि यात्रा के राजस्थान चरण के पूरा होने के बाद क्या होगा।

प्रमुख खबरें

Adani Group का बड़ा दांव: एयरपोर्ट कारोबार में पांच साल में ₹1 लाख करोड़ निवेश की योजना

Finalissima 2026: दोहा में आमने-सामने होंगे स्पेन और अर्जेंटीना, यामाल बनाम मेसी की ऐतिहासिक भिड़ंत

Global Chess League 2025 में फिर छाए अलीरेजा फिरोजजा, ट्रिवेणी कॉन्टिनेंटल किंग्स की लगातार जीत

Lucknow T20 रद्द होने पर दर्शकों को पूरी रकम लौटाएगा यूपीसीए, जानिए रिफंड की प्रक्रिया