By अनन्या मिश्रा | Mar 16, 2024
आज ही के दिन यानी की 16 मार्च को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ दिवंगत जनरल बिपिन रावत का जन्म हुआ था। जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के जांबाज अधिकारी थे। उन्होंने कई मौकों पर देश का सिर गर्व से ऊंचा किया था। वह सेना के 27वें चीफ आर्मी थे। साथ ही बिपिन रावत को सेना में बड़े बदलावों या परिवर्तनों के लिए भी जाना जाता था। आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 16 मार्च 1958 को बिपिन रावत का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह रावत था, जो भारतीय सेना में थे। रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल पद से रिटायर हुए थे। इस कारण बिपिन रावत का बचपन भी फौजियों के बीच बीता था। इन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला से पूरी की थी। स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री अकेडमी में एडमिशन लिया और देहरादून पहुंच गए। यहां से उन्होंने फर्स्ट क्लास स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
इसके बाद बिपिन रावत ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से भी ग्रेजुएशन पूरी किया और साल 1997 में कन्सा, स्थित यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ कॉलेज से उपाधि हासिल की। बाद में मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन विषय में एम.फिल की पूरा किया। वहीं साल 2011 में बिपिन रावत को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मीडिया अध्ययन के क्षेत्र में शोध के लिए PHD की मानद उपाधि दी गई।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख का पद संभाला था। इससे पहले बिपिन रावत भारतीय थल सेनाध्यक्ष के पद पर थे। इस पद पर वह 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक रहे थे। 29 दिसंबर 2016 को जनरल बिपिन रावत के नेतृत्व में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी।
उपलब्धियां
परम विशिष्ट सेवा पदक
उत्तम युद्ध सेवा पदक
अति विशिष्ट सेवा पदक
युद्ध सेवा पदक
सेना पदक
विशिष्ट सेवा पदक
सीओएएस कमेंडेशन
आर्मी कमांडर कमेंडेशन
मृत्यु
तमिलनाडु के कुन्नूर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत को लेकर जा रहा सेना का एक हेलिकॉप्टर 08 दिसंबर 2021 में क्षतिग्रस्त हो गया। इस हेलिकॉप्टर में बिपिन रावत के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका रावत और निजी स्टाफ के दूसरे सदस्यों समेत 10 यात्री और चालक दल के 4 मेंबर्स की मौत हो गई थी।