By अभिनय आकाश | Jan 19, 2023
पैसे-पैसे का मोहताज पाकिस्तान ने अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए भीख का कटोरा लिए कभी सऊदी तो कभी चीन के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। मिन्नते की और आर्थिक मदद के लिए गुहार भी लगाता नजर आ रहा है। पाकिस्तान का आर्थिक संकट इस वक्त वित्तीय संकट से फौरन बाहर निकलने का कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है। लेकिन इस देश की एक ही उम्मीद बची है, और वो है सोना। वास्तव में, सोना किसी भी देश को आर्थिक संकट से उबारने में मदद कर सकता है। लेकिन हम हम पाकिस्तान के सोने के भंडार की बात नहीं कर रहे हैं। बल्कि देश के बलूचिस्तान प्रांत की सोने की खदानों की बात कर रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इन सोने की खानों के बारे में जिससे बहुत लोग अब तक अंजान हैं।
सोने-तांबे की खदानों से उबरेगी की बदहाली
अकेले सोने-तांबे की खदानों में ही पाकिस्तान को इस विकट स्थिति से उबारने की ताकत है। बलूचिस्तान प्रांत में स्थित इन खदानों में सैकड़ों टन सोना पड़ा है। सोने और तांबे के विशाल भंडार पाकिस्तान को बचा सकते हैं। हालांकि इतनी बड़ी मात्रा में सोने की खपत को लेकर अभी तक कोई रिपोर्ट या बयान नहीं दिया गया है, लेकिन उम्मीद है कि इस तरह से पाकिस्तान फिर से पलक झपकते ही उबर जाएगा। बलूचिस्तान प्रांत में स्थित रेको दिक खदान दुनिया की सबसे बड़ी सोने और तांबे की खानों में से एक है।
इस जगह है तांबे-सोने का सबसे बड़ा भंडार
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बहुत बुरी स्थिति में है। लिहाजा शहबाज शरीफ सरकार पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) समेत अन्य देशों से मदद मांग रही है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की असली दौलत इन्हीं सोने और तांबे की खदानों में है। इसमें अरबों टन सोने और तांबे का भंडार है। रेको दिक खदान बलूचिस्तान के चगाई जिले के रेको दिक कस्बे के पास स्थित है। इस खदान में पाकिस्तान में तांबे-सोने का सबसे बड़ा भंडार है। एक अनुमान के अनुसार यहां लगभग 590 मिलियन टन खनिज भंडार हैं। जानकारों के मुताबिक प्रति टन अयस्क में करीब 0.22 ग्राम सोना और करीब 0.41 फीसदी तांबा उपलब्ध है। खदान ईरान और अफगानिस्तान की सीमा के पास एक सुप्त ज्वालामुखी के पास है। पाकिस्तान की सरकार इन बहु-अरब डॉलर के सोने और तांबे की खानों से अर्थव्यवस्था को पलट सकती है।