रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सरकार बदले की नहीं, बदलाव के लिए काम कर रही है। बघेल ने को विधानसभा में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के जीवन में रंग भरने का काम करेगी। हम बदले की नहीं बल्कि बदलाव की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या के निराकरण और शराबबंदी के मसले पर हमारी सरकार जनता को विश्वास में लेकर काम करेगी। नक्सल समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पीड़ित पक्षों से बात की जाएगी, जिनमें वहां के ग्रामीण, स्थानीय बुद्धिजीवी और पत्रकार आदि शामिल रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब एक सामाजिक बुराई है, लेकिन उसे दूर करने के लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी आगे आना होगा। चाहे नक्सल नीति हो या शराबबंदी की नीति, हम जनता को विश्वास में लिए बिना कोई कदम नहीं उठाएंगे। बघेल ने कहा कि जनता ने उन्हें पांच वर्ष के लिए जनादेश दिया है। जनता से किए गए सभी वायदों को पूरा करेंगे। सरकार के गठन को अभी केवल 20-25 दिन हुए हैं, लेकिन इतने कम दिनों में भी राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों से किए गए वायदों के अनुरूप कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और उन पर अमल भी शुरू कर दिया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लगभग 16 लाख 50 हजार किसानों के 6100 करोड़ रूपए का ऋण माफ किया गया है। किसानों को धान पर प्रति क्विंटल 2500 रूपए कीमत देने के फैसले पर भी अमल किया जा रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। शराबबंदी लागू करने के लिए नई कमेटी बनाने का निर्णय भी लिया गया है। सरकार ने वनाधिकार मान्यता पत्रों के निरस्त हो चुके लगभग चार लाख आवेदनों की दोबारा जांच करने का भी निर्णय लिया है। बघेल ने कहा कि राज्य में जिला खनिज निधि (डीएमएफ) के कार्यों की फिर से समीक्षा की जाएगी। चिटफंड कंपनियों के अभिकर्ताओं के विरूद्ध दर्ज तीन सौ से ज्यादा प्रकरणों को वापस लेने का भी निर्णय लिया गया है। निवेशकों का पैसा भी वापस दिलाया जाएगा।