By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 28, 2020
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह (किसानों का प्रदर्शन) केंद्र सरकार की विफलता है। सरकार को शुरुआती चरण में ही किसानों से बातचीत करनी चाहिए थी और नये कानून लाने से पहले सोचना चाहिए था। मेरा मानना है कि सरकार को (राकांपा प्रमुख) शरद पवार, प्रकाश सिंह बादल (पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री), एच डी देवगौड़ा (पूर्व प्रधानमंत्री) जैसे नेताओं से विचार-विमर्श करना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन नेताओं से विचार-विमर्श करने के बाद सरकार को नये कृषि विधेयकों में खामियों का पता चलता। अगर ये चीजें पहले की जातीं तो विधेयकों का विरोध नहीं होता।’’