By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 14, 2022
नयी दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 को अब टीका नहीं लगवाए लोगों की महामारी कहा जा रहा है और सरकार को बुजुर्ग तथा अस्वस्थ लोगों का टीकाकरण जल्द से जल्द करना चाहिए।
अदालत बिस्तर पर पड़े वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर-घर जाकर कोविड-19 टीकाकरण करने पर तत्काल नीति बनाने संबंधी याचिका पर सुनवाई कर रही है।
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ को 84 वर्षीया याचिकाकर्ता के वकील ने सूचित किया कि उनकी मुवक्किल बिस्तर पर पड़ी हैं और याचिका दायर करने तथा दिल्ली सरकार द्वारा सात जनवरी को शुरू की गई हेल्पलाइन पर कॉल करने के बाद भी खुद का टीकाकरण नहीं करा पाई हैं।
याचिकाकर्ता के वकील मनन अग्रवाल ने अदालत को बताया कि हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने पर बताया गया कि उन्हें इस तरह के टीकाकरण के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, दिल्ली सरकार का दावा है कि ‘डोर-टू-डोर’ अभियान चल रहा है। पीठ ने दिल्ली सरकार की वकील आयुषी बंसल से यह पता लगाने को कहा कि इस अभियान के तहत अब तक कितने लोगों को टीका लगाया जा सका है।
केंद्र सरकार केवकील अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि दिव्यांग और बिस्तर पर पड़े लोगों का टीकाकरण अभियान 22 सितंबर, 2021 को शुरू हुआ और हर घर दस्तक अभियान एक नवंबर, 2021 को शुरू हुआ तिाा अगर याचिकाकर्ता ने इस अवधि के बाद दिल्ली सरकार की हेल्पलाइन पर कॉल किया था तो दिल्ली सरकार को जवाब देना होगा कि ऐसा क्यों नहीं किया गया।
दिल्ली सरकार के वकील की ओर से निर्देश के लिए मोहलत की मांग के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की।