By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 21, 2018
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने आज कहा कि वर्ष 2016 में दक्षिण मुंबई में गिरगांव चौपाटी बीच पर सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ समारोह ने समुद्र तट पर ‘काफी हानि तथा क्षति’ पहुंचाई। अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से दो महीने के अंदर बीच के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत करने को भी कहा। न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति पी एन देशमुख की खंडपीठ ने उस जनहित याचिका पर फैसला सुनाया जिसमें वहां ढांचे स्थापित करने और समारोहों तथा रैलियों के कारण समुद्र तट पर मिट्टी कटने को लेकर चिंता जताई गई थी।
पीठ ने कहा कि समुद्र तट पर्यावरण का महत्वपूर्ण भाग होते हैं। अगर तटों पर प्रदूषण होता है तो यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करेगा क्योंकि यह अनुच्छेद कहता है कि हर व्यक्ति को प्रदूषण मुक्त पर्यावरण में जीवन जीने का अधिकार है।