सरकार ने आधार कार्ड की ‘फोटोकॉपी’ साझा न करने का परामर्श लिया वापस

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 29, 2022

सरकार ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के उस परामर्श को वापस ले लिया है जिसमें आम जनता को किसी भी संगठन के साथ अपने ‘आधार’ की फोटोकॉपी (प्रति) साझा करने को लेकर आगाह किया गया था। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि वह आधार की फोटोकॉपी साझा नहीं करने के परामर्श वाली प्रेस विज्ञप्ति को वापस ले रहा है क्योंकि इसकी गलत व्याख्या हो सकती है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रेस विज्ञप्ति में लोगों को सलाह दी गई थी कि वे किसी भी संगठन के साथ अपने आधार की प्रति साझा न करें क्योंकि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। 

 

इसे भी पढ़ें: योगी बोले- अभी से 75 सीटों का लक्ष्य लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव की भाव भूमि तैयार करनी है


इसकी जगह परआधार संख्या के सिर्फ अंतिम चार अंकों को दर्शाने वाले आधार (मास्क्ड आधार) का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें आधार संख्या के पहले आठ अंक छिपे रहते हैं और सिर्फ अंतिम चार अंक ही दिखते हैं। लेकिन इस विज्ञप्ति की गलत व्याख्या की आशंका को देखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।’’ यूआईडीएआई के बेंगलुरु स्थित क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में आम जनता से किसी भी संगठन के साथ अपने आधार की फोटोकॉपी साझा नहीं करने को कहा गया था। 

 

इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी का केंद्र पर निशाना, नोटबंदी की एकमात्र सफलता अर्थव्यवस्था का ‘डूबना’ है


इसमें विकल्प के तौर पर आधार संख्या के अंतिम चार अंकों को प्रदर्शित करने वाले आधार का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई थी। मंत्रालय ने बयान में कहा कि यूआईडीएआई की तरफ से जारी आधार कार्डधारकों को केवल अपने आधार नंबर के इस्तेमाल एवं उसे दूसरे के साथ साझा करने में सहज विवेक का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। बयान में कहा गया कि आधार पहचान के सत्यापन की व्यवस्था ने आधार धारक की पहचान और गोपनीयता की रक्षा और सुरक्षा के लिए पर्याप्त बंदोबस्त किए हैं।

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज