By अनन्या मिश्रा | Jul 04, 2025
आज ही के दिन यानी की 04 जुलाई को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा का जन्म हुआ था। बता दें कि वह साल 1964 और फिर 1966 में दो बार भारत के अंतरिम प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने संकट के समय दो बार देश की बागडोर संभाली, लेकिन फिर भी उन्होंने कभी सरकारी सुख-सुविधाओं की चाहत नहीं रखी। देश की आजादी की लड़ाई में गुलजारी लाल नंदा ने जेल की यात्रा की और यातनाएं भी सही, वह मजदूरों की आवाज बने लेकिन सत्ता के शिखर पर पहुंचकर भी उन्होंने हमेशा सादगी की चादर ओढ़े रखी। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर गुलजारी लाल नंदा के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
पाकिस्तान के सियालकोट में 04 जुलाई 1898 को गुलजारी लाल नंदा का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा लाहौर, आगरा और इलाहाबाद से पूरी की थी। गुलजारी लाल नंदा का जीवन जितना सादा और महान रहा उतना ही गुमनाम भी रहा।
साल 1957 और 1962 में गुलजारी लाल नंदा साल दो लोकसभा के लिए चुने गए। वहीं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु के निधन के बाद 27 मई 1964 को गुलजारी लाल ने अंतरिम पीएम का पदभार संभाला। हालांकि यह कार्यकाल सिर्फ 13 दिनों के लिए थे। इसके बाद ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद एक बार फिर 11 जनवरी 1966 को उन्होंने अंतरिम पीएम पद की शपथ ली। साल 1962 और 1963 में उन्होंने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री का पदभार संभाला। इसके बाद साल 1963 से 1966 तक वह गृह मामलों के मंत्री रहे।
दो बार देश के प्रधानमंत्री और काफी वक्त तक केंद्रीय मंत्री रहने वाले गुलजारी लाल नंदा के पास आखिरी समय में अपना घर तक नहीं था। उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह किराया दे सकें। कुछ समय तक किराया न मिलने की वजह से मकान मालिक ने उनको घर से निकाल दिया। जब यह खबर फैली तो केंद्रीय अधिकारियों को उनके पास भेजा गया। साथ ही उनको स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाला 500 रुपये का भत्ता लेने के लिए किसी तरह से मनाया गया। जब मकान मालिक को यह पता चला कि वह पूर्व पीएम हैं, तो उसने भी गुलजारी लाल नंदा से माफी मांगी।
साल 1997 में गुलजारी लाल नंदा को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
वहीं 15 जनवरी 1998 को गुलजारी लाल नंदा का निधन हो गया था।