राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को निर्धारित समयसीमा से पहले हासिल कर लेगी हरियाणा सरकार

By टीम प्रभासाक्षी | Aug 02, 2021

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लॉन्च करते हुए कहा कि इसे राज्यों को दी गई समय सीमा 2030 के बजाय, 2025 तक इसे राज्य में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल छोड़ने वालों की दर को शून्य करने का प्रयास करेगी। सीएम खट्टर ने कहा कि इसके लिए परिवार पहचान पत्र के तहत पंजीकृत परिवार के प्रत्येक सदस्य का डेटा विश्लेषण किया जाएगा, ताकि प्रत्येक बच्चे को ट्रैक कर स्कूल में नामांकित किया जा सके। खट्टर ने कहा कि हरियाणा में पहले से ही छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके ज्ञान, कौशल और मूल्यों के साथ सशक्त बनाने के उद्देश्य के तहत काम किया जा रहा है।

 

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उन्होंने कहा कि 2 से 3 किमी की दूरी के भीतर एक स्कूल और हर 20 किमी के दायरे में कॉलेज स्थापित किया जा रहा है। एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के अलावा, हरियाणा में 10 स्टेट विश्वविद्यालय, 23 निजी विश्वविद्यालय हैं, 1,96,845 छात्रों के साथ 849 कॉलेज हैं (172 सरकारी कॉलेजों सहित)। इसके अलावा, 97 सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज और 87 स्व-वित्तपोषित डिग्री कॉलेज हैं। वर्ष 1966 में हरियाणा में केवल चार सरकारी पॉलिटेक्निक, दो सहायता प्राप्त पॉलिटेक्निक और कुरुक्षेत्र में केवल एक क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज था, जिसमें सालाना 1,341 छात्र पढ़ते थे।


 राज्य में अब चार तकनीकी विश्वविद्यालय हैं, 90 इंजीनियरिंग कॉलेज (4 सरकारी, 9 राज्य विश्वविद्यालय-संचालित और 77 निजी) 24,345 छात्रों की प्रवेश क्षमता के साथ, 202 पॉलिटेक्निक/डी. फार्म संस्थान (39 सरकारी, 4 सहायता प्राप्त और 159 निजी) ( क्षमता 37, 525),  सात बी आर्क संस्थान (दो सरकारी, पांच निजी) ( क्षमता 420) और 66 बी. फार्मेसी संस्थान हैं (आठ सरकारी और 58 निजी) (क्षमता 4,740 )।  सरकार का दावा है कि पिछले सत्र की तुलना में 2021-22 में राजकीय विद्यालयों में नामांकन में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कम से कम 1.6 लाख छात्र निजी से सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित हो गए हैं।


हरियाणा ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कदम उठाए हैं। एक विशेष कार्यक्रम के तहत स्कूल न जाने वाले लगभग 30,000 बच्चों की पहचान की गई, जिनमें से 86 प्रतिशत को 2021 में सरकारी स्कूलों में एकीकृत किया गया है। कक्षा 9 से 12 तक सभी वर्गों  (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है। बेरोजगार, लेकिन शिक्षित युवाओं के उत्थान और कल्याण के लिए शुरू की गई सक्षम युवा योजना से 8,400 स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के छह लाख छात्रों के लाभान्वित होने की उम्मीद है।


स्कूलों में प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा के लिए चालू वित्त वर्ष के वार्षिक बजट में खर्च करने के लिए 700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 192 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। स्कूलों में स्थापित 50 दक्ष केंद्रों में कम से कम 50 प्रतिशत छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, जेईई, आईआईटी और एनईईटी की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को बोर्डिंग सुविधाएं और मुफ्त कोचिंग प्रदान करने के लिए अपनी तरह की पहली सुपर 100 योजना शुरू की गई।

 

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सरकार का कहना है कि पहले से ही बड़े बहु-विषयक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों जैसे अधिकांश डिलिवरेबल्स हासिल किए हैं,  बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान (एमईआरयू) के संदर्भ में हरियाणा ने अंबाला, चरखी दादरी, फतेहाबाद, नूंह, पानीपत, पंचकुला, यमुनानगर और झज्जर सहित आठ राज्य विश्वविद्यालयों में अवधारणा को अपनाया है।


एनईपी -2020 में निहित तीन साल की उम्र से कम उम्र की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए लगभग 4,000 प्ले  स्कूल खोले जाएंगे। अब तक 1135 ऐसे स्कूल खोले जा चुके हैं। निजी स्कूलों की तर्ज पर अंग्रेजी और सुविधापूर्ण शिक्षा देने के लिए कुल 113 नए संस्कृति मॉडल स्कूल खोले गए हैं, उनकी संख्या बढ़ कर 137 हो गई है। इसके अलावा 1,418 स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में अपग्रेड किया जा रहा है।

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