By Ankit Jaiswal | Oct 04, 2025
आजकल स्वास्थ्य बीमा की जागरूकता बढ़ी है और इलाज का खर्च भी तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए लोग बीमा ले रहे हैं। लेकिन कई बार पॉलिसी की बारीकियों को पूरी तरह न समझने के कारण दावे के समय दिक्कतें आती हैं। कई बार क्लेम घटा दिया जाता है या मना कर दिया जाता है।
स्वास्थ्य बीमा लेते समय कई बार ऐसी शर्तें होती हैं जो ग्राहकों की जेब पर भारी पड़ सकती हैं। इनमें रूम रेंट कैप, डिडक्टिबल और को-पेमेंट जैसी शर्तें शामिल हैं, जो पॉलिसी दस्तावेज़ों में बारीकी से छिपी होती हैं, लेकिन दावा (क्लेम) प्रक्रिया पर बड़ा असर डालती हैं।
को-पेमेंट क्या है?
इस शर्त के तहत पॉलिसीधारक को इलाज के खर्च का एक निश्चित हिस्सा खुद देना होता है। जैसे अगर पॉलिसी में 20% को-पेमेंट लिखा है और अस्पताल का बिल 5 लाख रुपये है, तो बीमा कंपनी 4 लाख रुपये देगी और बाकी 1 लाख रुपये ग्राहक को खुद भरना होगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर अक्सर ज्यादा होती है, जिससे बाद में आर्थिक बोझ बढ़ जाता है।
डिडक्टिबल क्या होता है?
यह वह रकम होती है जो बीमा कवरेज शुरू होने से पहले बीमित व्यक्ति को खुद चुकानी पड़ती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी पॉलिसी में 50,000 रुपये का डिडक्टिबल है, तो उस सीमा तक का खर्च आपको देना होगा, उसके बाद बीमा कंपनी बाकी का भुगतान करेगी। इससे प्रीमियम तो सस्ता लगता है, लेकिन इमरजेंसी में जेब से पैसे निकलते हैं।
रूम रेंट कैप का मतलब
यह अस्पताल के कमरे का अधिकतम किराया होता है जिसे बीमा कंपनी कवर करती है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी पॉलिसी में प्रतिदिन 5,000 रुपये का रूम रेंट कैप है और आपने 8,000 रुपये वाले कमरे में भर्ती लिया, तो बाकी 3,000 रुपये आपको खुद देने होंगे। कभी-कभी महंगे कमरे लेने से अन्य बिलों पर भी कटौती हो सकती है।
इन समस्याओं से कैसे बचें?
* पॉलिसी खरीदने से पहले सभी शर्तें ध्यान से पढ़ें।
* नेटवर्क अस्पतालों के रूम रेंट की तुलना करें और सीमा के भीतर अस्पताल चुनें।
* को-पेमेंट प्रतिशत देखें और ज्यादा होने पर ऐसी पॉलिसी से बचें।
* अगर पॉलिसी में डिडक्टिबल है, तो आपातकाल के लिए अलग से फंड रखें।
* बजट हो तो ऐसी पॉलिसी चुनें जिसमें रूम रेंट की सीमा न हो।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती मेडिकल इंफ्लेशन के दौर में बीमा की शर्तों को ठीक से समझना और सही पॉलिसी चुनना बेहद जरूरी है, ताकि बीमारी के समय आर्थिक बोझ से बचा जा सके और लंबे समय तक वित्तीय स्थिरता बनी रहे।