By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 26, 2023
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार अगले तीन सप्ताह के भीतर बेंगलुरु में औद्योगिक न्यायाधिकरण एवं विधि न्यायालय में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं करती है, तो अदालत को 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाना पड़ेगा।
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की पीठ इस मामले पर ‘इंडस्ट्रियल लॉ प्रैक्टिशनर्स फोरम’ द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
केंद्र सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि 18 अगस्त 2022 को एक नियुक्ति की गई थी, लेकिन उक्त नियुक्त व्यक्ति ने कार्यभार नहीं संभाला था। इसलिए, नियुक्ति के लिए नये सिरे से प्रक्रिया शुरू की गई है।
मामला पहले भी अदालत पहुंचा था और नियुक्ति होने के बाद निपटारा कर दिया गया था। फोरम ने दोबारा अदालत का दरवाजा खटखटाया है। सरकारी वकील ने मामले पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा।