By अनुराग गुप्ता | Nov 30, 2021
नयी दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना समेत विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय आचरण के चलते राज्यसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद मंगलवार को विपक्षी दलों ने निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। जिसे राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सिरे से खारिज कर दिया। जिसके बाद विपक्ष के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया।
आपको बता दें कि शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 12 सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाते हुए इसे रद्द करने का अनुरोध किया तब सभापति ने कहा कि यह निलंबन आसन की ओर से नहीं, सदन की ओर से किया गया है।
विपक्ष की मांग विचार करने योग्य नहीं
सभापति ने कहा कि निलंबित सांसदों ने अपने किए पर किसी तरह का पछतावा जाहिर नहीं किया बल्कि अपने किए को उचित ठहराया। मुझे नहीं लगता कि निलंबन रद्द करने की नेता प्रतिपक्ष की अपील विचार करने योग्य है। सभापति के वक्तव्य के बाद विपक्षी दलों के सांसदों ने वॉकआउट किया और सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
निलंबित सांसदों पर क्या है आरोप
सभी निलंबत 12 सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने मानसून सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान अमर्यादित आचरण एवं मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की की थी।