जानिए किस तरह बनाएं अभिलेखीय विज्ञान में कॅरियर

By वरूण क्वात्रा | Nov 12, 2020

प्रत्येक स्थान का इतिहास हजारों पांडुलिपियों, अभिलेखों, शिलालेखों, दस्तावेजों आदि में अंतर्निहति है, इन अद्वितीय अभिलेखों को वैज्ञानिक रूप से संरक्षित और अभिलेखीय अभिलेख या आर्काइवल रिकॉर्ड्स कहा जाता है, जो किसी विशेष क्षेत्र और समाज के इतिहास को समझने में मदद करते हैं। आमतौर पर लोग म्यूजियम, आर्काइव्स और लाइब्रेरी को लेकर भ्रमित हो जाते हैं, क्योंकि ये सभी सांस्कृतिक संस्थाएं हैं, जो सांस्कृतिक विरासत के संग्रह और संरक्षण से संबंधित हैं। यह तीनों ही इतिहास को संरक्षित रखने में मदद करते हैं, लेकिन फिर भी इनमें अंतर है। जहां, संग्रहालय ऐतिहासिक कलाकृतियों और वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं पुस्तकालय में प्रकाशित पुस्तकों, पत्रिकाओं आदि को रखा जाता है, जबकि आर्काइव्स अभिलेखों पर ध्यान केंद्रित करने में माहिर हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बताते हैं कि अभिलेखीय विज्ञान में कॅरियर कैसे बनाएं−

इसे भी पढ़ें: संस्कृत में उच्च शिक्षा प्राप्त कर ऐसे बनाएं कॅरियर

क्या होता है काम

कॅरियर एक्सपर्ट कहते हैं कि एक व्यक्ति जो अभिलेखागार में काम करता है, उसे पेशेवर रूप से एक अभिलेखागार या आर्काइवल के रूप में जाना जाता है। अभिलेखागार ऐतिहासिक रिकॉर्ड संग्रह का प्रबंधन करने के लिए मानकों का पालन करते हैं। वे उन अभिलेखों का मूल्यांकन, संग्रह, आयोजन, संरक्षण और रखरखाव करते हैं, जिनके पास अतीत की विश्वसनीय यादों के रूप में स्थायी मूल्य होते हैं। वे ऐसे लोग हैं जो राष्ट्रीय और स्थानीय अभिलेखागार, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, व्यवसायों, आदि में दस्तावेज़ीकरण के लिए जिम्मेदार हैं, वे कानूनी, वित्तीय और प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए रिकॉर्ड को संरक्षित और सुलभ बनाते हैं।


शैक्षणिक योग्यता

कॅरियर एक्सपर्ट के अनुसार, अधिकांश कॉलेज और विश्वविद्यालय सूचना विज्ञान के साथ एक सहायक विषय के रूप में अभिलेखीय विज्ञान पढ़ाते हैं। वहीं, भारत में कुछ संस्थान ऐसे भी हैं, जो अभिलेखीय विज्ञान में सर्टिफकिेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं जैसे कि अभिलेखागार में पीजी प्रमाणपत्र, अभिलेखागार अध्ययन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, अभिलेखागार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, अभिलेखागार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और अभिलेखागार और प्रबंधन और प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा आदि।

इसे भी पढ़ें: वॉयस ओवर क्षेत्र में भी बना सकते हैं कॅरियर, जानिए कैसे

व्यक्तिगत गुण

कॅरियर एक्सपर्ट कहते हैं कि एक आर्काइविस्ट में बेहतर कम्युनिकेशन स्किन के अलावा एनालिटकल एंड रिसर्च स्किल्स, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स और आर्गेनाइजेशनल एबिलिटी होना बेहद जरूरी है। उन्हें धैर्य रखने के अलावा सटीक, पूरी तरह से समझने और क्या जानकारी रखने के बारे में अच्छे निर्णय लेने में सक्षम होने की आवश्यकता है। उन्हें एक सुव्यवस्थित और व्यवस्थित तरीके से काम करना चाहिए, जानकारी को निजी रखने और दबाव में अच्छी तरह से काम करने में सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा, एक आर्काइविस्ट को कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी सही तरह से इस्तेमाल करना आना चाहिए।


संभावनाएं

आर्काइविस्ट विभिन्न संगठनों जैसे संग्रहालयों, सरकारी एजेंसियों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों, औद्योगिक और वाणिज्यिक फर्मों, ऐतिहासिक सोसाइटी, निगमों और अन्य कई संस्था में काम कर सकते हैं। वहीं, सरकारी क्षेत्रों में रोजगार की तलाश करने वालों को संघ लोक सेवा आयोग या कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं को पास करना होगा। भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार, संस्कृति मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय, जो राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों और अभिलेखागार का प्रबंधन करता है, अपनी विभिन्न इकाइयों में योग्य उम्मीदवारों को नौकरी के विभिन्न अवसर प्रदान करता है।

इसे भी पढ़ें: एनीमेशन में है मनोरंजन का भविष्य और कॅरियर की अपार संभावनाएं

आमदनी

इस क्षेत्र में एक फ्रेशर शुरुआती वेतन 10000 रुपये से लेकर 15000 रुपये प्रति माह तक कमा सकता है। अनुभवी और योग्य पेशेवर प्रति माह लगभग 20,000 रुपये का वेतन प्राप्त कर सकते हैं। वहीं अनुभव बढ़ने के साथ−साथ आपकी आमदनी भी बढ़ती है।


प्रमुख संस्थान

नेशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया, नई दिल्ली

पटना यूनिवर्सिटी, पटना

महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी, अजमेर

द गांधीग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, तमिलनाडु


वरूण क्वात्रा 

प्रमुख खबरें

Baramati में कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों ने बताई समस्याएं, Ajit-Sunetra से जनता को बड़ी उम्मीदें

Sharad Pawar के हाथ से फिसल रहा Baramati, अजित का बढ़ रहा दबदबा

रायबरेली से नामांकन के बाद बोले राहुल गांधी, बड़े भरोसे के साथ मेरी मां ने मुझे सौंपी परिवार की कर्मभूमि

जीने के लिए केवल कुछ महीने का समय, पत्नी अनीता गोयल को कैंसर, नरेश गोयल की जमानत याचिका पर 6 मई को फैसला