एनीमेशन में है मनोरंजन का भविष्य और कॅरियर की अपार संभावनाएं

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एनिमेशन का प्रयोग ना केवल छोटे-मोटे एडवरटाइजमेंट और ग्राफ़िक्स इत्यादि में किया जाता है, बल्कि पूरी की पूरी फिल्में और सीरियल्स भी इसी पर बनने लगे हैं। टॉम एंड जेरी, पेपा पेग, बब्लू डब्लू, बाल कृष्णा, छोटा भीम इत्यादि ऐसे दूसरे कई सीरियल एनिमेशन टेक्नोलॉजी पर ही तो बने हुए हैं।

एनीमेशन निश्चय ही यह बहुत ही विस्तृत क्षेत्र है। कंप्यूटर की दुनिया में इसे एक तरह से क्रांति ही समझ लीजिये। और हो भी क्यों ना, कोई कार्टून स्क्रीन पर किस तरीके से मूव करता है, कैसे वह तमाम एक्टिविटीज करता है, आखिर यह सब एनिमेशन ही तो निश्चित करता है।

वास्तव में एनिमेशन का प्रयोग ना केवल छोटे-मोटे एडवरटाइजमेंट और ग्राफ़िक्स इत्यादि में किया जाता है, बल्कि पूरी की पूरी फिल्में और सीरियल्स भी इसी पर बनने लगे हैं। टॉम एंड जेरी, पेपा पेग, बब्लू डब्लू, बाल कृष्णा, छोटा भीम इत्यादि ऐसे दूसरे कई सीरियल एनिमेशन टेक्नोलॉजी पर ही तो बने हुए हैं।

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यूं एनिमेशन का कोर्स करने के लिए आपको बहुत लंबी चौड़ी पढ़ाई की जरूरत नहीं होती है, बल्कि दसवीं के बाद ही आप इसे शुरू कर सकते हैं। हालाँकि एनीमेशन में कॅरियर बनाने के इच्छुक लोग ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व डिप्लोमा कोर्स अवश्य कर सकते हैं। अधिकांश कॉलेजों में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए) में एक सब्जेक्ट के तौर पर भी एनिमेशन पढ़ाया जाता है। लेकिन कई बड़े संस्थानों में डिप्लोमा या एडवांस डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स के तहत मार्केट की मांग के मुताबिक एनिमेशन की प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाती है, जहां इंडस्ट्री के प्रोजेक्ट पर भी काम करने का मौका मिलता है। ऐसे कोर्सों का समय एक से दो वर्ष का होता है। इसके दौरान ड्राइंग, ग्राफिक्स, प्रोडक्शन, प्रोग्रामिंग, लाइटिंग इत्यादि के साथ-साथ एनिमेशन एवं डिजिटल आर्ट्स की डिटेल में जानकारी प्रदान की जाती है।

एनीमेशन कराने वाले प्रमुख संस्थानों में एरीना मल्टीमीडिया की अलग अलग शाहरों में ब्रांचेज प्रमुख हैं। इसके अलावा नोएडा ग्लोबल स्कूल ऑफ एनिमेशन, नई दिल्ली ग्लोबल स्कूल ऑफ एनिमेशन, चेन्नई माया एकेडमी ऑफ एडवांस्ड सिनेमैटिक एवं मुंबई टेक्नो प्वाइंट मल्टीमीडिया और मुंबई टेक्नो प्वाइंट मल्टीमीडिया, बंगलुरु जैसे संस्थान प्रमुख रूप से गिनाये जा सकते हैं।

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यूं तमाम कंपनियां अपने यहां जॉब से पहले प्रोफेशनल ट्रेनिंग तो कराती ही हैं।

मुख्य रूप से 2-डी और 3-डी एनिमेशन का आज के समय में काफी चलन है। हालांकि मोशन ग्राफ़िक्स एवं स्टॉप एनीमेशन भी कई जगहों पर प्रयोग में लाया जाता है।

एनिमेशन के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए आपका क्रिएटिव होना ज्यादा आवश्यक होता है। अगर आप अपने विचारों को, अपनी इमैजिनेशन को नया रूप दे सकते हैं, उसे नये तरीके से सोच सकते हैं, तो इस बात में कोई शक नहीं है कि एनिमेशन क्षेत्र में आप एक बेहतर कैरियर के मालिक बन सकते हैं। क्रिएटिविटी के साथ-साथ एनिमेशन के लिए तमाम तकनीकी नॉलेज की आवश्यकता भी होती है। उदाहरण के लिए स्क्रिप्टिंग, स्कल्पटिंग, लाइफ ड्राइंग, मॉडल एनिमेशन इत्यादि। ध्यान रहे कि एक प्रोफेशनल एनिमेटर बनने के लिए हार्ड वर्क, के साथ विज़ुअलाइज़िंग एबिलिटी, इमैजिनेशन, क्रिएटीविटी, लॉजिकल अंडरस्टैंडिंग और डेडलाइन के तहत कार्य करने की आदत भी होनी चाहिए।

एनिमेशन सिखाने वाले कई तरह के सॉफ्टवेयर मार्किट में उपलब्ध हैं। मैक और माया जैसे संस्थानों के पास अपने सॉफ्टवेयर हैं, तो आज के समय में आप यूट्यूब से भी एनीमेशन के कई सॉफ्टवेयर और उसे ऑपरेट करने के लिए फॉर्मल ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हैं।

सॉफ्टवेयर की बात करें तो इसके लिए एक से बढ़कर एक एडवांस सॉफ्टवेयर आ गए हैं। अगर आप रेडीमेड सलूशन भी चाहते हैं, तो पोटून जैसी तमाम वेबसाइट्स आपको ड्रैग एंड ड्रॉप की सुविधा देती हैं, जहां पर आप काम भर की वीडियोज इत्यादि बना सकते हैं।

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प्लेसमेंट की भी इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। तमाम ऐड एजेंसीज में एनीमेशंस का प्रयोग बेहतर ढंग से होने लगा है, तो वेब डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी इसका प्रयोग बड़े स्तर पर हो रहा है। साथ ही टीवी सीरियल, ओटीटी और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में तो इसका प्रयोग है ही। आप चाहें तो इस फील्ड में एक्सपर्ट बनने के बाद संबंधित रिक्वायरमेंट लेकर अलग-अलग कंपनियों में जॉब कर सकते हैं, अथवा एक फ्रीलांसर एनिमेटर के तौर पर कैरियर की भी शुरुआत कर सकते हैं।

- मिथिलेश कुमार सिंह

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