महाराष्ट्र का कश्मीर है महाबलेश्वर, यहां जानिये मराठाओं का गौरवशाली इतिहास

By रेनू तिवारी | May 21, 2018

बादलों के बीच से झाकती पहाड़ियां.. 
ओस की बूंदों से भीगी सड़कें.. 
चारों तरफ फैली हरियाली..
लगातार होती रिम-झिम बरसात..

महाबलेश्वर को महाराष्ट्र का कश्मीर माना जाता है। इसको सभी हिल स्टेशनों की रानी के रूप में भी जाना जाता है। यह पहाड़ी स्टेशन सतारा जिले के सह्याद्री पहाड़ियों के केंद्र में 1,438 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसका नाम भगवान महादेव मंदिर और तीन संस्कृत शब्द, महा (महान), बाल (शक्ति) और ईश्वर (ईश्वर) से लिया गया है। कुछ लोग पौराणिक अतीत के साथ नाम भी संबोधित करते हैं क्योंकि नाम ‘महाबलेश्वर’ का अर्थ शक्तिशाली भगवान है।

 

आजादी से पहले अंग्रेजों ने इस खूबसूरत जगह को अपने हॉलीडे पॉइंट बनाया था वो अकसर या कुदरत की सुंदरता का आनंद लेने यहां आते थे। अगर इस पहाड़ी से नीचे देखा जाए तो आपको समुद्र और घाटी के विशाल दृश्य देखने को मिलेंगे। महाबलेश्वर को जलवायु, भ्रमण, खेल और अन्य गतिविधियों के संदर्भ में महाराष्ट्र में सबसे अच्छा छुट्टी का स्थान माना जाता है।

 

महाबलेश्वर हिल स्टेशन की खास जगह

 

वेन्ना झील- महाबलेश्वर में वेन्ना झील सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है। वेन्ना झील प्राकृतिक झील नहीं है क्योंकि इसे 1942 में छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज द्वारा बनाया गया था। हरी-भरी हरियाली से घिरी वेन्ना झील में लगभग 28 एकड़ जमीन का परिसर लगभग 7-8 किलोमीटर है। महाबलेश्वर शहर के लिए पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए झील का निर्माण किया गया था। यह हनीमूनों के साथ-साथ परिवारों के बीच बहुत लोकप्रिय स्थान है। पर्यटकों के लिए रो और पेडल नौकाएं उपलब्ध हैं।

 

प्रतापगढ़ किला– महाबलेश्वर में प्रतापगढ़ किला जो प्रतापगढ़ के युद्धस्थल के रूप में भी जाना जाता है। प्रतापगढ़ का किला मराठा सम्राट शिवाजी के उन किलों में से एक है जिन्हें शिवाजी ने अपने निवास स्थान के तौर पर तैयार करवाया था। यह किला भारतीय इतिहास के उस दौर का भी गवाह है जब शिवाजी ने एक ताकतवर योद्धा अफजल खान को नाटकीय तरीके से मार दिया था और जहां से मराठा साम्राज्य ने एक निर्णायक मोड़ लिया। पानघाट पर स्थित यह किला छत्रपति शिवाजी के आठ प्रमुख किलों में से एक माना जाता है।

 

लिंगमला फॉल्स- ये फॉल्स प्राकृतिक सुंदरता एक खूबसूरत उदाहरण है। जहां जाने के लिए आपको घने जंगलों के बीच से एक स्वर्ग के समान रास्ते से जाना होगा और यकीन मानिये ये रास्ता आप कभी नहीं भूलेंगे। लिंगम फॉल्स का सबसे अच्छा समय जुलाई और दिसंबर के बीच है। इन महीनों के दौरान, लिंगमला फॉल्स महाबलेश्वर में जाने के लिए सबसे अच्छे स्थान के बीच सबसे ज्यादा दौरा किया जाता है। 

 

-रेनू तिवारी

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज