महान क्रांतिकारियों को मिला टिकट, मुझे मिली सच बोलने की सजाः विश्वास

By नीरज कुमार दुबे | Jan 03, 2018

आम आदमी पार्टी द्वारा राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा किये जाने के तुरंत बाद असंतुष्ट आप नेता कुमार विश्वास ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुये कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा दी जा रही है। राज्यसभा सीट के लिये आस लगाये बैठे विश्वास ने कहा कि अगर कोई केजरीवाल से असहमत है तो उसके लिये आम आदमी पार्टी में रह पाना मुश्किल है। आम आदमी पार्टी ने आज संजय सिंह, सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता को राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया है। इसी के बाद विश्वास की यह टिप्पणी आयी है।

 

सिंह जहां पार्टी में इसकी शुरूआत से ही जुड़े रहे हैं वहीं सुशील गुप्ता दिल्ली स्थित एक कारोबारी हैं जबकि एनडी गुप्ता पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। विश्वास ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले डेढ़ साल में, मैंने सच बोला फिर चाहे वह अरविंद केजरीवाल का फैसला हो या सर्जिकल स्ट्राइक, टिकट वितरण में अनियमितता, पंजाब में चरमपंथियों के प्रति नरमी अथवा जेएनयू घटना जैसे मुद्दे हों। सच बोलने की सजा के तौर पर मुझे इसका इनाम दिया गया।’’

 

विश्वास ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक सच्चे क्रांतिकारी, कवि और दोस्त की नैतिक जीत है।’’ एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने के लिये केजरीवाल पर निशाना साधते हुये विश्वास ने कहा कि वह आप कार्यकर्ताओं को मुबारकबाद देना चाहेंगे कि ‘‘महान क्रांतिकारियों’’ को चुनने में उनकी आवाज को सुना गया। आप नेता ने यह भी आरोप लगाया कि करीब डेढ़ साल पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केजरीवाल ने मुस्कुराते हुये कहा था, ‘‘हम तुमको खत्म कर देंगे, लेकिन हम तुमको शहीद नहीं होने देंगे।’’

 

आप नेता ने कहा, ‘‘मैं मुबारकबाद (केजरीवाल को) देना चाहूंगा कि मैंने अपनी शहादत स्वीकार कर ली।’’ दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों के लिये 16 जनवरी को चुनाव होंगे। 70 सदस्यों वाली दिल्ली विधानसभा में प्रचंड बहुमत रखने वाली आप का तीनों सीटों पर जीतना तय है। तीनों राज्यसभा सीटों के लिये नामांकन भरने की आखिरी तारीख पांच जनवरी है।

 

मीडिया से बातचीत के दौरान उखड़े-उखड़े नजर आ रहे विश्वास ने कहा कि पार्टी में जिन लोगों ने इन नामों का चयन किया है वह सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि रामलीला मैदान से निकले अन्ना हजारे के आंदोलन को सही मुकाम तक पहुँचा दिया गया है। विश्वास ने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया और घर के अंदर चले गये।

 

माना जा रहा है कि विश्वास और केजरीवाल के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं और आजकल विश्वास को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति पीएसी की बैठक में भी नहीं बुलाया जाता है। आप सूत्रों का कहना है कि विश्वास की भाजपा के साथ करीबी पार्टी को रास नहीं आती है। हालांकि विश्वास समर्थकों का आरोप है कि टिकट इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि केजरीवाल को डर था कि राज्यसभा जाकर कुमार विश्वास कहीं उनसे बड़े नेता नहीं बन जाएं।

 

इस बीच, दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के टिकट बेच दिये हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल किसी ऐसे नेता को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते जो मुद्दों पर अपनी बात रखना जानता हो या उनके लिए चुनौती बन सकता हो। उन्होंने कहा कि लीडर और डीलर के बीच में से चुनाव करना था इसलिए विश्वास और आशुतोष को टिकट नहीं मिला।

 

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