अगर नीतीश BJP का साथ छोड़ते हैं तो कांग्रेस उन्हें साथ लेने पर करेगी विचार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 17, 2018

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो उन्हें महागठबंधन में वापस लेने के लिए वह सहयोगी दलों के साथ विचार करेगी। कांग्रेस का यह बयान उस वक्त आया है जब हाल के दिनों में अगले लोकसभा चुनाव में सीटों के तालमेल के संदर्भ में जदयू और भाजपा के बीच कुछ विरोधाभासी बयान आये हैं जिस वजह से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा का जिक्र करते हुए यह दावा भी किया कि बिहार में यह आम धारणा बन चुकी है कि नरेंद्र मोदी सरकार 'पिछड़े और अतिपिछड़े वर्गों के खिलाफ' है, ऐसे में पिछड़ों और अतिपिछड़ों की राजनीति करने वालों के पास भाजपा का साथ छोड़ने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है। 

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाले गठबंधन का नेतृत्व स्वाभाविक रूप से कांग्रेस के पास होगा और अगले लोकसभा चुनाव में देश की जनता 'राहुल गांधी के नेतृत्व में' नरेंद्र मोदी को हराएगी।कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोहिल ने बातचीत में कहा, 'अभी नीतीश कुमार फासीवादी भाजपा के साथ हैं। हमें नहीं पता कि उनकी क्या मजबूरी है कि उनके साथ चले गए। दोनों का साथ बेमेल है।' यह पूछे जाने पर कि अगर नीतीश फिर से महागठबंधन में वापसी का मन बनाते हैं तो कांग्रेस का क्या रुख होगा तो उन्होंने कहा, 'अगर ऐसी कोई संभावना बनती है तो हम अपने सहयोगी दलों के साथ बैठकर इस पर जरूर चर्चा करेंगे।' गौरतलब है कि कुछ महीने पहले बिहार में कुछ स्थानों पर हुई सांप्रदायिक हिंसा का हवाला देते हुए तेजस्वी ने हाल में कहा था कि अब नीतीश के लिए महागठबंधन के दरवाजे बंद हो चुके हैं। वैसे, हाल के दिनों में भाजपा और जदयू के बीच भी कुछ ऐसी बयानबाजी हुई है जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। 

 

गोहिल ने कहा, "बिहार में यह सपष्ट सन्देश है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पिछड़ों और अतिपिछड़ों के खिलाफ है। ऐसे में जिसको भी पिछड़ों और अतिपिछड़ों की राजनीति करनी है तो उसे राजग से अलग होना पड़ेगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो राजग तो डूबेगा ही, साथ मे उनको भी डूबना पड़ेगा।' उन्होंने कहा, 'पासवान जी और कुशवाहा जी पिछड़ों और अतिपिछड़ों की राजनीति करते हैं। लोग उनसे पूछेंगे कि ऊना में दलितों पर अत्याचार होता है और भाजपा का एक नेता कहता है कि दलितों को पीटना चाहिए लेकिन इस पर मोदी क्यों कुछ नहीं बोलते हैं। इनको जवाब देना पड़ेगा।' भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर बनने महागठबंधन को राष्ट्रहित की जरूरत करार देते हुए गोहिल ने कहा कि इसमें स्वाभाविक रूप से कांग्रेस का नेतृत्व होगा।उन्होंने कहा, 'कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। उसका नेतृत्व होना स्वाभाविक है। वैसे, हमारा इतिहास रहा है कि हम अहंकार के साथ नहीं चलते। हम सहयोगियों के साथ मिलकर चलते हैं।' 

 

प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ राहुल गांधी के विपक्ष का नेतृत्व करने के सवाल पर गोहिल ने कहा, ' नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी में तुलना नहीं हो सकती । राहुल जी सच की लड़ाई लड़ रहे हैं। आने वाले चुनाव में देश की जनता राहुल गांधी के नेतृत्व में मोदी जी को हराएगी।' कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।

 

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