Gyan Ganga: साधुओं के दर्शन हों तो उनके श्रीचरणों को धोकर पी लेना चाहिए

By सुखी भारती | Jan 04, 2024

संसार में अगर आपको किसी की प्रशंसा करनी पड़े, तो आप उन्हीं की प्रशंसा करेंगे, जिन्हें आप दिल से चाहते हैं। लेकिन जब भगवान शंकर से पूछा गया, कि आप संसार में सबसे अधिक किसे प्रेम करते हैं, तो उन्होंने कहा, कि मुझे संत प्रिय हैं। मैं उन्हीं की वंदना करता हूँ-


‘बंदऊँ संत समान चित हित अनहित नहिं कोइ।

अंजलि गत सुभ सुमन जिमि सम सुगंध कर दोइ।।’


भोलेनाथ बोले, कि हे भवानी! मैं संतों के श्रीचरणों की वंदना करता हूँ। क्योंकि उनका चित समता से सराबोर होता है। उनके लिए ना ही तो कोई शत्रु होता है, और न ही कोई मित्र। वे सभी से समान रूप से ही व्यावहार करते हैं। जैसे अंजलि में रखे हुए सुंदर फूल, उन दोनों को ही सुगंधित करते हैं, जिन्होंने उन्हें डाली से तोड़ा हो, या फिर जिन्होंने उन्हें प्यार से अपनी अंजलि में रखा हो। संसार में ऐसा कौन होगा, जो ऐसी अभूतपूर्व क्षमता का धनी होगा? यह चरित्र संसार की बड़ी से बड़ी पाठशाला में भी नहीं सिखाया जा सकता। लेकिन सामान्य से भी सामान्य से दिखने वाले संत, इस दुर्लभ गुण के सहज ही स्वामी होते हैं।

इसे भी पढ़ें: Gyan Ganga: रावण ने लंका द्वार पर कौन-सा प्रहरी नियुक्त कर रखा था?

किसी ने गोस्वामी जी से भी पूछ लिया, कि जितनी महिमा आप भी संतों की गाते हैं, क्या त्रिदेव भी उतनी ही महिमा गाते हैं? गोस्वामी जी इसका ऊत्तर बड़ी बेबाकी से देते हैं-


‘बिधि हरि हर कबि कोबिद बानी।

कहत साधु महिमा सकुचानी।।

सो मो सन कहि जात न कैसें।

साक बनिक मनि गुन गन जैसें।।’


गोस्वामी जी कहते हैं, कि मैं भी कहाँ संतों की महिमा गा पाता हूँ। मुझे तो छोड़िए, मैं तो एक क्षुद्र सी बुद्धि का स्वामी हूँ। ब्रह्मा, विष्णु, शंकर, कवि और पंडित भी संतों की महिमा गाने बैठें, तो वे भी संतों के गुण नहीं गा सकते। वे तो उल्टा लज्जा जाते हैं। जब इतनी बड़ी-बड़ी हस्तियां संतों के गुण नहीं गा पा रही हैं, तो मेरी भला क्या बिसात है। अगर मैं संतों की महिमा गाऊँ भी, तो यह ऐसा होगा, जैसे साग तरकारी बेचने वाले से, मणियों के गुण नहीं कहे जाते।


श्रीराम चरित मानस ग्रंथ में ही नहीं, अन्या प्रमाणिक ग्रंथों में भी संतों की अपार महिमा है। गुनबाणी में भी कहा गया है-


‘चरन साध के धोइ धोइ पीउ।।

अरपि साध कउ अपना जीउ।।

साध की धूरि करहु इसनानु।।

साध ऊपरि जाईऐ कुरबानु।।’


अगर साधु के दर्शन प्राप्त हो जायें, तो यह दुर्लभ संयोग का लाभ ही यह है, कि हम उनके श्रीचरणों को धो-धो कर पी लें। हालाँकि संपूर्ण जगत में जब भी किसी ने स्नान करना होता है, तो वह पानी से ही करते हैं और तन पर लगी धूल को साफ कर लेते हैं। लेकिन जब आपको संतों का सान्निध्य प्राप्त हो, तो आपको पानी से स्नान नहीं करना होता, अपितु संतों की चरण धूली से ही स्नान करना होता है। संत जहाँ भी बैठ जाते हैं, तो वहाँ आस पास का वातावरण भी स्वतः ही पवित्र हो जाता है। वह वातावरण ऐसा होता है, कि उसमें अगर कोई पापी व दुष्ट व्यक्ति भी जाये और वहाँ लगातार संग करे, तो अगर वह सर्प की प्रवृति का भी होगा, तो निश्चित है, कि वो फूलों का हार बन जायेगा।


भक्त प्रह्लाद इसका सबसे ठोस उदाहरण है। प्रहलाद वैसे था तो राक्षसराज हिरण्यकश्यपु का ही पुत्र। लेकिन अवगुणों को धारण करने के संबंध में, वह बिलकुल भी अपने पिता पर नहीं गया। कारण कि भक्त प्रह्लाद का जन्म ही नारद मुनि के आश्रम में हुआ। जिस कारण भक्त प्रह्लाद ने, भले ही बाद में अपने पिता का ही अनुसरण करना हो, लेकिन नारद जी के पावन सानिध्य ने भक्त प्रहलाद की वृति राक्षसी होने ही नहीं दी। इसलिए जीवन में अगर कभी भी पूरे संतों का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो, तो उसे कभी भी नहीं टालना चाहिए।


यहाँ एक प्रश्न उठना स्वाभाविक हो सकता है, कि क्या आज के समय में भी वैसे ही महान संत विद्यमान हैं, जैसे कि सतयुग में थे? कारण कि जैसे कालनेमि या रावण भी संत वेष बनाकर, अनाचार करने का प्रयास कर चुके हैं। ठीक वैसे ही आज भी तो कितने ही दुष्ट जन, संतों के वेष मे घूम रहे हैं। हम कैसे पहचानेंगे, कि हमारे समक्ष अगस्त्य मुनि जैसे महान संत सुशोभित हैं, अथवा रावण जैसे कपट मुनि हैं? तो इसका एक ही स्टीक उत्तर है। वह यह कि जब भी आपको कोई पूर्ण संतों का सान्निध्य प्राप्त होगा, तो वे हमसे कोई मंत्र माला के जाप तक ही सीमित नहीं रखेंगे, अपितु हमें परमात्मा के साक्षात दर्शन भी करवायेंगे। धार्मिक ग्रंथों मे संतों की यही एकमात्र पहचान बताई गई है।


गोस्वामी जी केवल संतों की ही महिमा नहीं गाते, वे दुष्टों की भी महिमा गाते हैं, लेकिन कैसे? जानेंगे अगले अंक में---(क्रमशः)---जय श्रीराम।


-सुखी भारती

प्रमुख खबरें

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई

कब से सामान्य होगी इंडिगो की उड़ानें? CEO का आया बयान, कल भी हो सकती है परेशानी