By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 01, 2018
वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन ने रविवार को सामूहिक रूप से सेवा क्षेत्र में व्यापार उदारीकरण का आह्वान किया। इन संगठनों ने कहा कि इस क्षेत्र में आज उतनी ही बाधाएं हैं, जितनी करीब 50 साल पहले वस्तु व्यापार में थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), विश्वबैंक और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की ओर से संयुक्त रूप से जारी ‘रिइनविगोरेटिंग ट्रेड एंड इन्क्लुसिव ग्रोथ’ (व्यापार और समावेशी वृद्धि को सशक्त बनाना) शीर्षक रपट में यह बात कही गयी है।
इस रपट का प्रकाशन ऐसे समय में किया गया है जब ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा के मुद्दे पर काफी कड़ा रुख अख्तियार किया है। इस कदम से आईटी पेशेवर और काफी कुशल भारतीय व्यक्तियों के साथ-साथ आईटी क्षेत्र से जुड़ी बड़ी भारतीय कंपनियां भी प्रभावित हुई हैं। रपट में कहा गया है कि वैश्विक जीडीपी और रोजगार में सेवा क्षेत्र का योगदान एक तिहाई है। इसके बावजूद सेवा क्षेत्र को अधिक उदार नहीं बनाये जाने से पूरे क्षेत्र और अर्थव्यवस्था की उत्पादकता और कारोबार पर फर्क पड़ता है।