2013 में वोटरों ने खूब दबाया था नोटा, 2020 में इन पार्टियों को NOTA से भी कम वोट मिले

By अभिनय आकाश | Feb 11, 2020

चुनाव चाहे विधानसभा का हो या लोकसभा का, अगर जनता को राजनीतिक दलों या निर्दलीय प्रत्याशी पसंद नहीं आया तो नोटा यानी नन ऑफ द एवव के रूप में एक विकल्प उनके सामने रहता है। चुनाव आयोग ने जनता को यह अधिकार भी पहली बार वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में थमाया था। यह पहला मौका था जब दिल्ली समेत चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में नोटा का इस्तेमाल किया गया। उस वक्त दिल्ली में कुल 49774 मतदाताओं ने नोटा दबाया था। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में कुल 35875 नागरिकों ने नोटा का इस्तेमाल किया। वहीं दिल्ली में आज वोटों की गिनती जारी है। 

इसे भी पढ़ें: 2014 से लेकर 2020 तक कांग्रेस ने चखा शून्य का स्वाद, यह बड़ी गलतियां कीं

रूझानों में आम आदमी पार्टी 50 से ज्यादा सीटों पर आगे है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने दहाई का आकंड़ा छू लिया है। कांग्रेस अभी भी शून्य से संघर्ष कर रही है। लेकिन अगर वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो 12 बजे के रुझानों के अनुसार, आम आदमी पार्टी को 53.05%, बीजेपी को 39.21%, कांग्रेस को 4.18%, बसपा को 0.67%, जेडीयू को 0.98% और नोटा को 0.46% प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। यानि मत प्रतिशत के मामले में नोटा छठे नंबर पर चल रहा था। वहीं, अगर बात कुछ बड़े राजनीतिक दलों की करें तो सीपीआई को 0.02%, सीपीआई (एम) को 0.01%, लोजपा को 0.33% तो एनसीपी को महज 0.03% मत हासिल हुए हैं।

प्रमुख खबरें

IMF ने पाकिस्तान को 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर के ऋण की तत्काल मंजूरी दी

Astrology Upay: इन दालों का दान करने से शुभ फलों की होगी प्राप्ति, चमक सकता है आपका भाग्य

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती उत्पादों की मांग

सम्राट चौधरी का बड़ा बयान, भारत के निर्माण में लगे हुए हैं PM Modi, विपक्ष ने किया लूटने का काम