By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 09, 2019
नयी दिल्ली। पत्रकार प्रिया रमानी ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में उनके ‘खुलासे’ के चलते उन्हें ‘निजी तौर पर बड़ी कीमत’ चुकानी पड़ी है और उन्हें इससे कुछ नहीं मिलने वाला। रमानी ने कहा कि उनका कदम महिलाओं को बोलने की शक्ति प्रदान करेगा और कार्यस्थलों पर उनके अधिकारों को समझने में मदद करेगा। उन्होंने अपने खिलाफ अकबर द्वारा दर्ज कराये गये आपराधिक मानहानि के मामले में गवाह के तौर पर अपने बचाव में बयान देते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष यह दलील दी।
रमानी ने कहा, ‘‘हममें से कई को यह मानने पर विवश किया जाता है कि चुप रहना एक गुण है। अकबर से जुड़े मेरे सभी खुलासों में मैंने जनहित में सच बोला।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि ‘मी टू’ अभियान के तहत किये गये मेरे खुलासे महिलाओं को बोलने की शक्ति प्रदान करेंगे और कार्यस्थलों पर उनके अधिकारों के बारे में समझने में मदद करेंगे। इस मामले के लिए मुझे निजी तौर पर बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है और मुझे इससे कोई फायदा नहीं होने वाला।’’ रमानी ने कहा कि किसी महिला के लिए इस तरह का खुलासा करना आसान नहीं है।
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उन्होंने कहा, ‘‘चुप रहकर मैं बार-बार निशाना बनाये जाने से बच सकती थी। लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं होता।’’ अदालत मामले में अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को करेगी। रमानी ने अकबर पर करीब 20 साल पहले उस समय यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था जब वह पत्रकार थे। अकबर ने आरोपों को खारिज कर दिया है।