By विजयेन्दर शर्मा | Aug 16, 2021
शिमला । सुनने में भले ही कुछ अटपटा लगे,लेकिन यह सच्च है कि पूरा देश जहां 15 अगस्त को हर साल की तरह आजादी का जशन मना चुका है। लेकिन एक ऐसा स्थान हमारे देश में है,जहां आज यानि 16 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह सिलसिला पिछले कई सालों से चल रहा है।
यह स्थान है हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला का ठियोग ,जो सेब की पैदावार के लिये भी मशहूर है। ठियोग विधानसभा क्षेत्र रियासत काल में भी काफी मशहूर था।
बताया जाता है कि 1947 में आजादी के बाद पहाड़ी राजाओं से कुछ रियासतें मुक्त हुईं। उनमें ठियोग भी थी। ठियोग की रियासत राजा की सत्ता से मुक्त हुई तो यहां आजाद भारत की पहली चुनी हुई सरकार 16 अगस्त 1947 को बनी। व लोगों ने खुली हवा में सांस ली। उसी दिन यहां आजादी का जशन मनाया गया, जिसे बाद में ठियोग उत्सव का नाम दिया गया। उस समय यहां बनी नई सरकार में प्रजामंडल के सूरत राम प्रकाश ने ठियोग रियासत में आठ मंत्रियों के साथ बतौर प्रधानमंत्री सत्ता संभाली । उसी दिन की याद को ताजा रखने के लिये अब यहां हर साल यह जिला स्तरीय उत्सव 16 अगस्त को मनाया जाता है।
जानकार बताते हैं कि 15 अगस्त 1947 को ठियोग रियासत के राजा कर्मचंद के बासा महल के बाहर लोग जुटे, लोगों को विरोध को देखते हुए उन्हें राजगद्दी छोडऩी पड़ी। राजा कर्मचंद के बाद यहां लोकतंत्र की बहाली हुई और सूरत राम प्रकाश ने सत्ता संभाली। उनके साथ गृहमंत्री बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा और अन्य आठ लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली। मौजूदा समय भी ठियोग में रैहल दिवस पर पुराने मंत्रीमंडल के साथ आमंत्रण पत्र दिया जाता है और प्रशासन सरकारी तौर पर 16 अगस्त को यहां कार्यक्रम आयोजित करता है।
हिमाचल के मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि 15 और सोलह अगस्त को शिमला के ठियोग से प्रजामंडल आंदोलन शुरू हुआ था। इसके बाद भारत में लोकतंत्र की स्थापना हुई। सूरत राम को ठियोग रियासत का प्रधानमंत्री बनाया गया था। इसके बाद मंडी के सुंदरनगर में वहां के राजा के खिलाफ यह मूवमेंट शुरू हुआ। ठियोग में सोलह अगस्त को होने वाले कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री शिरकत कर रहे हैं।