By अनन्या मिश्रा | Dec 04, 2025
आज ही के दिन यानी की 04 दिसंबर को दिग्गज राजनेता और पूर्व पीएम इंद्र कुमार गुजराल का जन्म हुआ था। इन्होंने स्वयं 12 साल की उम्र में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने लगे थे। फिर साल 1931 में ब्रिटिश पुलिस ने इंद्र कुमार गुजराल को गिरफ्तार कर लिया था। एच डी देवगौड़ा के बाद इंद्र कुमार गुजराल देश के अगले प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन गुजराल भी अधिक समय तक प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित नहीं कर सके। वह करीब 1 साल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर पूर्व पीएम इंद्र कुमार गुजराल के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 04 दिसंबर 1919 में इंद्र कुमार गुजराल का जन्म हुआ था। बाद में गुजराल का पूरा परिवार भारत आ गया था। इसके बाद उनके माता-पिता स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने पंजाब के संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। गुजराल ने बी.कॉम, एम.ए, पीएचडी और डी.लिट की उपाधियां प्राप्त कीं। वह धारा प्रवाह उर्दू बोलते हैं और उर्दू काव्य में भी योगदान रहा।
प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने से पहले गुजराल को केंद्र में राज्यमंत्री के रूप में विभिन्न मंत्रालयों को संभालने का मौका मिला। उन्होंने संचार और संसदीय कार्य मंत्रालय, सड़क और भवन मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और योजना एवं विदेश मंत्रालय के कार्य भी सम्भाले थे। फिर बाद में इंद्र कुमार गुजराल ने राजनायिक के रूप में इंदिरा गांधी को अपनी सेवाएं प्रदान की थीं। इंद्र कुमार गुजराल कांग्रेस पार्टी के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे।
वहीं इंद्र कुमार गुजराल की योग्यता के हिसाब से उनको कांग्रेस पार्टी में सम्मान प्राप्त हुआ था। लेकिन इंदिरा गांधी के जीवन रहते इनको पार्टी की उपेक्षा का भी शिकार होना पड़ा था। साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनें, तो स्थितियां इंद्र कुमार गुजराल के प्रतिकूल हो गईं। क्योंकि राजीव गांधी का झुकाव युवाओं की तरफ ज्यादा था। गुजराल को लगा कि पार्टी में उनके लिए कोई स्थान नहीं रह गया है, तो उन्होंने कांग्रेस छोड़कर जनता दल का दामन थाम लिया।
इंद्र कुमार गुजराल एक सक्षम, योग्य और अनुभवी राजनीतिज्ञ थे। वह मास्को में भी भारत के राजदूत रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में गुजराल की छवि योग्य और ईमानदार व्यक्ति की थी। लेकिन राजनीतिज्ञों ने गुजराल के पीएम बनते ही यह कहना शुरूकर दिया था कि वह अधिक समय तक पीएम पद पर नहीं रहेंगे। क्योंकि कांग्रेस लंबे समय तक फील्डिंग नहीं करना चाहेगी। वहीं 21 अप्रैल 1997 से लेकर 19 मार्च 1998 तक इंद्र कुमार गुजराल भारत के पीएम पर रहे। क्योंकि कांग्रेस ने NDA से अपना समर्थन वापस ले लिया।
इंद्र कुमार गुजराल विदेश नीति के विशेषज्ञ थे, इस वजह से उन्होंने पाकिस्तान से संबंधों को सुधारने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए। गुजराल के कार्यकाल में वित्तीय संकट था और आर्थिक विकास दर गिरावट की तरफ अग्रसर थी। ऐसे में इंद्र कुमार गुजराल ने आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक योजनाएं बनाईं। लेकिन देश में पड़े अकाल ने अर्थव्यवस्था का गणित ज्यादा बिगाड़ दिया और फिर वह अधिक समय तक पीएम नहीं रहे।
वहीं 30 नवंबर 2012 को पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का 92 साल की उम्र में निधन हो गया।