नोटबंदी का असर, आईटीआर भरने वालों की संख्या में हुई 1 करोड़ की वृद्धि

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 05, 2019

नयी दिल्ली। आयकर विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2017-18 में उसने 1.07 करोड़ नये करदाता जोड़ेजबकि ड्रोप्ड फाइलरों (पहले आईटीआर फाइल करने और बाद में छोड़ देने वालों) की संख्या घटकर 25.22 लाख रह गयी। यह नोटबंदी के सकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है। एक बयान में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6.87 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल किये गये जबकि 2016-17 में 5.48 करोड़ आईटीआर फाइल किये गये थे यानी इस मोर्चे पर 25 फीसदी वृद्धि हुई।

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इसी के साथ 2017-18 में आईटीआर दाखिल करने वाले नये करदाताओं की संख्या बढ़कर 1.07 करोड़ हो गयी जबकि 2016-17 में 86.16 लाख नये करदाता जुड़े थे। सीबीडीटी ने कहा, ‘‘नोटबंदी ने कर आधार और प्रत्यक्ष कर संग्रहणके दायरे में विस्तार में असाधारण रूप से सकारात्मक असर डाला।’’

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ड्रोप्ड फाइलर ऐसे करदाता होते हैं जो पहले तो आईटीआर फाइल करने वालों में शामिल होते हैं लेकिन किन्हीं तीन लगातार वित्त वर्ष में आईटीआर फाइल नहीं करते। ऐसे लोगों की संख्या 2016-17 में 28.34 लाख थी जो घटकर2017-18 में 25.22 लाख रह गयी। सीबीडीटी ने कहा कि 2016-17 की तुलना में 2017-18 में विशुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रहण 18 फीसद बढ़कर 10.03 लाख करोड़ हो गया।

 

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