आयकर विभाग ने हचिसन पर ठोका 7,900 करोड़ रुपये का जुर्माना

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 29, 2017

आयकर विभाग ने सीके हचीसन होल्डिंग्स लिमिटेड की एक इकाई पर वोडाफोन के साथ उसके एक दशक पुराने सौदे पर कर के एक साल पुराने नोटिस के सिलसिले में 7,900 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। उस इकाई को इतनी ही रकम के कर का नोटिस भेजा गया था। हांग कांग के अरबपति उद्यमी ली का-शिंग के हचिसन समूह की दूर संचार इकाई हचीसन टेलिकम्युनिकेशंस इंटरनेशनल लिमिटेड इकाई ने भारत में मोबाइल फोन कारोबार के संयुक्त उद्यम में अपनी हिस्सेदारी 2007 में ब्रिटेन के वोडाफोन ग्रुप पीएलसी को बेची थी। उस सौदे में हचिसन को हुए पूंजीगत लाभ कर को चुकाने के मामले में संबंधित पक्षों में विवाद चल रहा है।

 

हांग कांग स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा है कि उसकी इकाई हचीसन टेलिकम्युनिकेशंस इंटरनेशनल लिमिटेड को पिछले साल 7,900 करोड़ रुपये का कर चुकाने का नोटिस मिला था। उसे अब 9 अगस्त को इतनी ही राशि का जुर्माना भरने का आर्डर प्राप्त हुआ है। इसमें कहा गया है कि सी के हचीसन इकाई इस कर मांग की वैधता को लेकर मतभेद रखती है। सीके हचीसन होल्डिंग्स लिमटेड की अप्रत्यक्ष रूप से पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई, हचीसन टेलिकॉम को भारतीय कर प्रशासन से 24 नवंबर 2016 को कर आकलन आदेश प्राप्त हुआ था। यह कर आकलन 2007 में कंपनी के वोडाफोन के साथ हुये सौदे से हुये कथित लाभ पर भेजा गया। कर विभाग ने 16,430 करोड़ रुपये के इस सौदे से हासिल पूंजीगत लाभ पर 25 जनवरी को 7,900 करोड़ रुपये का अंतिम आकलन भेजा है। अब इस राशि पर आयकर विभाग ने तीन जुलाई को करीब 7,900 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश जारी कर दिया।

 

कंपनी ने कहा है कि उस पर वैधानिक रूप से कर नहीं लगाया जा सकता। जो भी कर मांग की गई है वह उच्चतम न्यायालय के जनवरी 2012 में दिये गये फैसले को पलटते हुये पिछली तिथि से लागू किये गये एक कानून के आधार पर भेजी गई है। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि यह अधिग्रहण भारत में कर लगाने योग्य नहीं है। इस लिहाज से कर मांग अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है। कंपनी ने कहा है, ‘‘इस लिहाज से कंपनी का यह मानना है कि इस कर मांग का कंपनी की वित्तीय स्थिति पर कोई असर नहीं होगा और न ही यह किसी अवधि के दौरान कंपनी के कामकाज अथवा परिणाम को प्रभावित करेगा।’’ वोडफोन ने 2007 में हचीसन व्हाम्पोआ के मोबाइल फोन कारोबार में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। हचीसन व्हाम्पोआ अब सी के हचीसन का हिस्सा है।

 

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