बकौल गोखले दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बातचीत के दौरान चार प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हुई। गोखले ने कहा, ये मुद्दे ईरान, 5जी, व्यापार और रक्षा संबंधों से संबंधित थे। उन्होंने कहा, ईरान के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने हमारी ऊर्जा संबंधी चिंताओं के साथ-साथ क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता से जुड़ी चिंताओं को रेखांकित किया। विदेश सचिव ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि यद्यपि ईरान, भारतीय ऊर्जा के 11 प्रतिशत की आपूर्ति करता है, भारत ने ईरान से तेल के आयात को कम कर दिया है...जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित हो रही है। हम इस स्थिति को बनाये रखने में कामयाब रहे हैं। इस क्षेत्र में भी हमारे समुदाय के लोग हैं, इस क्षेत्र में भी ऊर्जा की जरूरत है, क्षेत्र में हमारे आर्थिक हित हैं, इसलिए भारत क्षेत्र में मुख्य रूप से शांति एवं स्थिरता बनाये रखने के पक्ष में है।
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गोखले के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि खाड़ी से गुजरने वाले भारतीय पोतों की सुरक्षा के लिए भारत ने क्षेत्र में कुछ नौसैन्य जहाजों की तैनाती की है। विदेश सचिव के मुताबिक मोदी से बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने उम्मीद जतायी कि तेल की कीमतें स्थिर बनी रहेंगी। उन्होंने बताया कि तेल की कीमतों को स्थिर बनाये रखने के लिए अमेरिका खाड़ी देशों में कौन से कदम उठा रहा है। गोखले के मुताबिक दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि वे ईरान के मुद्दे एवं क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को सुनिश्चित रखने के लिए एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने पूर्व में भारत को चेताया था कि रूस से आधुनिक मिसाइल प्रणाली खरीदने पर उसे भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को लेकर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।