By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 23, 2018
नयी दिल्ली। भारत ने मंगलवार को यहां पाकिस्तानी उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया और दो दिन पहले जम्मू कश्मीर के सुंदरबनी सेक्टर में पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश के दौरान अपने तीन सैनिकों के मारे जाने की घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह पाकिस्तान द्वारा उकसावे की ऐसी कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इससे आतंकवाद को मदद देने तथा बढ़ाने में पड़ोसी देश की मिलीभगत का पता चलता है और भारत के साथ रचनात्मक संबंधों का प्रचार करने तथा शांति की आकांक्षा के उसके कपटी दावों का खोखलापन उजागर होता है।
पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और 21 अक्टूबर को सुंदरबनी सेक्टर में पाकिस्तानी आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश के दौरान तीन भारतीय जवानों के मारे जाने की घटना को लेकर उसके समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह सूचित किया जाता है कि मुठभेड़ के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने दो पाकिस्तानी सशस्त्र घुसपैठियों को मार गिराया और पाकिस्तान सरकार को अपने नागरिकों के शव लेने चाहिए।’’सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर सेना द्वारा घुसपैठ की कोशिश नाकाम करने के बाद रविवार को हुई मुठभेड़ में दो हथियारबंद पाकिस्तानी घुसपैठिए मारे गए तथा तीन भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
सेना ने भी सोमवार को पाकिस्तान को चेतावनी दी कि वह अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों को रोकें। भारत ने भी मंगलवार को पाकिस्तानी अधिकारियों को नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा बिना उकसावे के होने वाली संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं के गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘शांति बनाए रखने के लिए संयम बरतने और 2003 के संघर्ष विराम समझौते का पालन करने के निरंतर अनुरोधों के बावजूद पाकिस्तानी सेना ने 2018 में अभी तक नियंत्रण रेखा और अंततराष्ट्रीय सीमा पर बिना उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघनों की 1,591 घटनाओं को अंजाम दिया।’’
साथ ही पाकिस्तान से यह भी कहा गया कि वह किसी भी रूप में भारत के खिलाफ आतंकवाद के समर्थन के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल ना करने देने के वादे को निभाए।