By नीरज कुमार दुबे | Apr 01, 2023
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में हमने इस सप्ताह ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी से जानना चाहा कि एससीओ सम्मेलन में आतंकवाद और क्षेत्रीय सहयोग के मुद्दे पर बातें बढ़-चढ़कर हुईं। भारत ने भी दृढ़ता से पाकिस्तान और चीन को खरी खरी सुनाई। इसलिए एससीओ सदस्य देशों के सुरक्षा परिषद सचिवों की हालिया बैठक को कितना सार्थक मानते हैं आप? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि एससीओ बैठक काफी हद तक सार्थक रही।
उन्होंने कहा कि बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों को संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए और निकटवर्ती क्षेत्रों में एकतरफा सैन्य प्रभुत्व का प्रयास नहीं करना चाहिए। डोभाल ने एससीओ सदस्य देशों की सुरक्षा परिषद के सचिवों की एक बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत निवेश और क्षेत्र में सम्पर्क के निर्माण में सहयोग करने के लिए तैयार है, लेकिन यह स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इस तरह की पहल परामर्शी, पारदर्शी और सहभागितापूर्ण हों।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि बैठक में डोभाल ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकरण और पारगमन क्षमताओं में सुधार के लिए व्यापक और संतुलित आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए एससीओ चार्टर के अनुरूप है। डोभाल ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के ढांचे के भीतर ईरान के चाबहार बंदरगाह को शामिल करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि देखा जाये तो एससीओ में चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। वर्तमान में, भारत एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है। एससीओ मुख्य रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों और क्षेत्रीय आतंकवाद, जातीय अलगाववाद और धार्मिक अतिवाद के खिलाफ लड़ाई पर केंद्रित है। बैठक में पाकिस्तान और चीन के प्रतिनिधियों ने वीडियो लिंक के जरिए हिस्सा लिया। लेकिन यह अच्छी बात है कि कम से कम दोनों इस बैठक में आये तो सही।
उन्होंने कहा कि जहां तक चीन की बात है तो उसने एससीओ के सदस्य देशों से बातचीत के जरिए अपने मतभेदों को दूर करने, आतंकवादी ताकतों से सख्ती से निपटने और सभी देशों की आर्थिक बेहतरी तथा सामाजिक स्थिरता के लिए संयुक्त रूप से एक मजबूत सुरक्षित माहौल बनाने का आह्वान किया है। वीडियो लिंक के माध्यम से बैठक में भाग लेने वाले चीनी स्टेट काउंसिलर और लोक सुरक्षा मंत्री वांग शियाओहोंग ने कहा कि एक संतुलित, प्रभावी और टिकाऊ नए क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। चीनी स्टेट काउंसिलर ने सदस्य देशों से आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की ताकतों को पूरी तरह से रोकने और निपटने के लिए कहा तथा दूरसंचार और इंटरनेट धोखाधड़ी, ऑनलाइन जुआ तथा मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने के लिए सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया। वांग ने कहा कि एससीओ देशों को कानून प्रवर्तन और सुरक्षा के क्षेत्र में व्यावहारिक सहयोग को गहरा करना चाहिए तथा संयुक्त रूप से सभी देशों के आर्थिक सुधार और सामाजिक स्थिरता के लिए एक मजबूत सुरक्षित माहौल तैयार करना चाहिए।
ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि इस बैठक के माध्यम से सभी को संदेश चला गया है कि भारत मीठी बातें भी करता है और मौका पड़ता है तो खरी खरी सुनाने से भी नहीं चूकता। उन्होंने कहा कि भारत ने जिस दृढ़ता से अपने सभी मुद्दों को रखा वह बड़ी कामयाबी है।