By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 16, 2018
नयी दिल्ली। नीति अयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि अगले तीन दशक तक 9 से 10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिये देश को काम के मामले में स्त्री-पुरूष समानता तथा निर्यात को गति देने के उपाय करने की जरूरत है। उद्योग मंडल एसोचैम की 98वीं सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि भारत ने नवप्रर्वतन, बुनियादी ढांचा, संरचनात्मक सुधार और कारोबार सुगमता पर जोर दिया है। इसके साथ स्त्री-पुरूष समानता तथा निर्यात को बढ़ावा देने तथा समानता के साथ वृद्धि सुनिश्चित करने के लिये काफी कुछ करने की जरूरत है।
दीर्घकाल में 9 से 10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने के रास्ते में चुनौतियों का जिक्र करते हुए नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि स्त्री-पुरूष समानता चुनौती है क्योंकि भारत में केवल 24 प्रतिशत महिलाएं कार्य करती हैं जबकि वैश्विक औसत 48 प्रतिशत है। अगर भारत उच्च दर से वृद्धि करनी है तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाएं काम करे...। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान, कोरिया और चीन जैसे कई देशों ने 9 से 10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल की है। ‘‘जब आपके पास काफी युवा आबादी है...कोई कारण नहीं है कि भारत को इसे हासिल नहीं करना चाहिए...।
कांत ने यह भी कहा कि भारत को अपनी समस्याओं का समाधान तलाशने की जरूरत है। चाहे किसानों को मृदा और मौसम की स्थिति अनुसार बीज और उर्वरक की उपलब्ध्ता हो या फिर कचरे को ऊर्जा में बदलने या फिर स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति का मामला, हमे अपनी समस्याएं स्वयं सुलझानी है। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के सिलिकन वैली में कई नवप्रवर्तन हो रहे हैं लेकिन वे चालक रहित कार, युद्ध में उपयोग हथियार, ड्रोन और अन्य चीजें हैं... भारतीयों को अपनी समस्याओं के समाधान स्वयं निकालने होंगे।’