भारत ने की बोलीविया को 10 करोड़ डालर की कर्ज सुविधा देने की पेशकश

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 30, 2019

 सुक्रे (बोलीविया)। भारत ने बोलीविया को विकास परियोजनाओं के लिये 10 करोड़ डालर की कर्ज सुविधा देने की पेशकश की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की बोलीविया के राष्ट्रपति एवो मोरालेस के साथ व्यापक बातचीत के बाद इस कर्ज की पेशकश की गयी। राष्ट्रपति तीन दिन की यात्रा पर बोलीविया आये हुए हैं। इस लातिन अमेरिका देश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है।  कोविंद बोलीविया के राष्ट्रपति मोरालेस के साथ अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनाने की बात दोहरायी। आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘भारत ने विकास परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिये बोलीविया को 10 करोड़ डालर के कर्ज की सुविधा उपलब्ध कराने की पेशकश की।’’

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दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर भी सहमति जतायी ताकि वह मौजूदा वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित कर सके। दोनों पक्षों ने शिक्षा, अंतरिक्ष तथा चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में आठ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किये। कोविंद ने एक बयान में कहा, ‘‘बोलीविया के अंतरराष्ठट्रीय सौर गठबंधन में भागीदार के तौर पर शामिल होने से हम खुश हैं और मसौदा समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत करते हैं...।’’

इसके अलावा दोनों देशों ने संस्कृति, राजनयिकों के लिये वीजा छूट व्यवस्था, खनन, परंपरागत चिकित्सा, आईटी क्षेत्र में उत्कृष्ठता केंद्र स्थापित करने से जुड़े समझौता ज्ञापन पर भी दस्तखत किये। बयान के अनुसार, ‘‘दोनों देश औषधि तथा स्वास्थ्य देखभाल, वाहन तथा इंजीनियरिंग, मशीनरी, कपड़ा तथा धातु एवं खनिज के क्षेत्र में वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने पर सहमति जतायी।’’

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राष्ट्रपति कोविंद ने शुक्रवार को भारत-बोलीविया व्यापार मंच को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की अपनी आर्थिक मजबूती है और वे वृद्धि एवं समृद्धि के लिये एक दूसरे के पूरक हो सकते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन बोलीवियाई चैंबर एंड इंडस्ट्री समूह तथा फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री तथा भारती उद्योग परिसंघ ने संयुक्त रूप से किये। राष्ट्रपति के साथ खनन, स्वर्ण, बुनियादी ढांचा, आईटी, वाहन तथा ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में कार्यरत 30 भारतीय कंपनियों के प्रमुख आये हुए हैं। 

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